Highlights
- कोर्ट में ईडी का दावा, पात्रा चॉल में संजय राउत बेनिफिशियरी
- पात्रा चॉल घोटाले में प्रवीण राउत सिर्फ मोहरा है - ईडी
Sanjay Raut : शिवसेना (Shiv Sena) नेता संजय राउत (Sanjay Raut) प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कस्टडी में हैं और उनसे पूछताछ का दौर चल रहा है। उन्हें 4 अगस्त तक ईडी (ED) की कस्टडी रहना है। पात्रा चॉल मामले में फंसे संजय राउत से ईडी कई सवाल पूछ चुकी है। सूत्रों के मुताबिक संजय राउत अब भी सवालों के सही जवाब नही दे रहे हैं।दरअसल, संजय राउत से तीन राउंड में पूछताछ होनी है। एक राउंड की पूछताछ खत्म हो चुकी है। पहले राउंड में सीधे तौर पर राउत पर जो भी आरोप हैं उनसे जुड़े सवाल-जवाब किए गए ताकि आने वाले समय मे जब संजय राउत अगर गलत जवाब देंगे तो उनके जवाब को तथ्यों अन्य गवाहों और आरोपियों के बयान और इलेक्ट्रॉनिक सबूत को सामने रखा जाएगा। साथ ही आने वाले समय में ED को दोबारा राउत की कस्टडी लेने में मदद भी मिलेगी।
संजय राउत के लिए आसान नहीं है ED के सवालों का जवाब देना
दूसरे राउंड में संजय राउत से उनके पहले बयान और केस में अन्य गवाहों और गिरफ्तार प्रवीण राउत सहित अन्य आरोपियों के बयान को सामने रखकर पूछताछ कर सकती है। यह स्थिति संजय के लिए मुश्किल भरी होगी। एक तरफ उनके पार्टनर और इन्वेस्टर के बयान होंगे और एक तरफ संजय राउत के बयान, ऐसे में संजय राउत को साबित करना पड़ेगा कि वो सही बोल रहे है और उनके पार्टनर प्रवीण राउत और इन्वेस्टर सुजीत और स्वप्ना पाटकर गलत बोल रही हैं।
पूछताछ में सबसे महत्वपूर्ण होगा तीसरा राउंड
संजय राउत से पूछताछ में सबसे आखिरी राउंड उनके लिए सिर दर्द साबित होगा। क्योंकि अगर जरूरत पड़ी और संजय राउत ने मुंह नहीं खोला तो पहले से गिरफ्तार प्रवीण राउत को संजय राउत के आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जाएगी। प्रवीण राउत जेल में हैं, ऐसे में उस प्रक्रिया में देर होगी और संजय राउत की दोबारा कस्टडी की जरूरत होगी और संजय की दोबारा कस्टडी मिलनी भी आसान हो जाएगी। साथ ही स्वप्ना पाटकर, सुजीत पाटकर, माधुरी राउत और संजय राउत की पत्नी को भी आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जा सकती है। ये सभी लोग फिलहाल ED में अपना बयान दर्ज करा चुके हैं जिसमें स्वप्ना और सुजीत के बयान संजय की मुश्किल बढ़ा सकते हैं। लेकिन अभी सामने बिठाने से पहले उनके बयानों को संजय राउत के सामने रखकर पूछताछ की जाएगी। अब संजय राउत खुद को अपने करीबियों के बयान से कैसे बचाते हैं या फिर गुनाह कबूलते हैं ये देखना दिलचस्प होगा।
संजय राउत से पूछे गए ये सवाल
सोमवार को पहली बार आधिकारिक तौर पर कोर्ट से कस्टडी मिलने के बाद ED ने ऑफिस पहुचते ही संजय राउत से सवाल-जवाब शुरू कर दिए। सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले सवाल प्रवीण राउत को लेकर पूछा गया कि वो प्रवीण को कैसे और कब से जानते हैं ? उनसे उनका कया रिश्ता रहा है साथ ही प्रवीण राउत की गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी जिसे पात्रा चाल का विकास करना था, उस कंपनी से उनका क्या रिश्ता रहा है ? उस कम्पनी में उनका क्या रोल है ? कम्पनी में उनका खुद का कितना शेयर है ? पात्रा चॉल की डील किसने करवाई? चॉल के डेवलपमेंट को लेकर डील में क्या-क्या तय हुआ था ? क्या उनको लगता है कि इसका पालन किया गया है ? आखिर पीड़ितों को मकान और म्हाडा को मकान देने के बजाय प्राइवेट बिल्डर्स को स्टेक क्यों दिए गये जबकि डेवलपमेंट डील तो गुरु आशीस कंस्ट्रक्शन कंपनी का था? और कितनी ऐसी कंपनी है जिन्हें पात्रा की जमीन डेवलपमेंट के लिए दी गयी जबकि असली हकदार गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी थी
प्रवीण राउत से क्या डील हुई ?
क्या उसके पीछे कोई वजह थी या कोई शख्स था ? आखिर प्राइवेट बिल्डर के साथ डील में क्या फायदा था और अगर फायदा था तो उसके लिए म्हाडा को जो फ्लैट देने थे उसके बारे में म्हाडा से कोई NOC ली गयी ? उन्हें बताया गया? पत्रावाला चाल में रहनेवाले लोगों को इस बारे में सूचित किया गया था या नहीं ? अगर सूचित नहीं किया गया तो उसकी वजह क्या थी ? संजय राउत से एक सवाल ये भी पूछा गया कि आपने कहा था की सिर्फ़ 55 लाख रुपए ही थे लेकिन ये तो एक करोड़ छः लाख रुपए आपने लिया है क्यों जानकारी छुपायी ? जब प्रवीण राउत पार्टनर थे तो आपको हर महीने क्यों 2-2 लाख रुपए दिया करते थे ? क्या डील हुई थी आप दोनों की बीच ?
दादर में फ्लैट और अलीबाग़ में प्लॉट कैसे खरीदा, पैसे कहां से आए ?
दादर में फ्लैट और अलीबाग़ में कैसे आपने प्लॉट लिया ? कितना क़ीमत अदा किया ? और वो पैसा कहां से आया ? बिना व्याज पर आपको कोई पैसा क्यों देगा ? वो भी एक ही कंपनी के पार्टनर को? सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप तो सामना में संपादक के पद पर कार्यरत हैं, आपको सैलरी तो मिलती ही है फिर आप राज्यसभा सांसद हैं. उसका वेतन भी मिलता है, तो आख़िर ऐसी कौन सी ज़रूरत आन पड़ी कि आपने प्रवीण राउत से पैसा लिया और आपकी पत्नी के अकाउंट में पैसे क्यों ट्रांसफर किये गए और विवाद होने पर वापस भी कर दिया गया?