Highlights
- हम सभी यही चाहते हैं कि मेहनत करके 2023 का विधानसभा चुनाव जीतें: सचिन पायलट
- सचिन पायलट ने कहा कि हम पूरी मेहनत करके राजस्थान में दोबारा सरकार बनाएंगे।
- राजस्थान के संदर्भ में जो भी सकारात्मक निर्णय है, वो सोनिया गांधी लेंगी: सचिन पायलट
Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में जारी सियासी सरगर्मियों के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। सोनिया गांधी और सचिन पायलट के बीच यह मुलाकत करीब एक घंटे तक चली। मुलाकात के बाद सचिन पायलट ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को अपनी भावना के बारे में बता दिया है और जयपुर में जो कुछ भी हुआ उस पर अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। पायलट ने कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता राजस्थान में 2023 में होने वाले विधनसभा चुनाव को जीतना है और इसके लिए मिलकर काम करना होगा।
‘हमें साथ मिलकर काम करना होगा’
कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बाद पायलट ने कहा, ‘मैं आज कांग्रेस अध्यक्ष से मिला। उसने शांतिपूर्वक तरीके से मेरी बात सुनी। राजस्थान में जो भी घटनाक्रम हुआ, उस पर हमने विस्तार से चर्चा की। मैं मानता हूं कि जो हमारी भावनाएं थी, फीडबैक था, वो मैंने सोनिया गांधी जी को बताया है। हम सभी यही चाहते हैं कि मेहनत करके 2023 का विधानसभा चुनाव जीतें। इसके लिए हमें मिलकर काम करना होगा। मुझे पूरा यकीन है कि हम पूरी मेहनत करके राजस्थान में दोबारा सरकार बनाएंगे। राजस्थान में पांच साल कांग्रेस होती है और पांच साल भाजपा होती है। इस बार इस परिपाटी को तोड़ना है। राजस्थान के संदर्भ में जो भी सकारात्मक निर्णय है, वो सोनिया गांधी लेंगी।’
गहलोत ने सोनिया से मांगी माफी
इससे पहले कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी अगले एक-दो दिन में राजस्थान के मुख्यमंत्री के बारे में फैसला करेंगी। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आज दिन में सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। उन्होंने जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने की घटना के लिए सोनिया से माफी मांगी। गहलोत ने साथ ही यह कहा कि वह अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे और उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के बारे में फैसला भी सोनिया गांधी ही करेंगी।
‘मैं कांग्रेस का वफादार सिपाही रहा हूं’
सोनिया से मुलाकात के बाद गहलोत ने कहा, ‘मैं पिछले 50 वर्षों से कांग्रेस का वफादार सिपाही रहा हूं। जो घटना दो दिन पहले हुई उसने हम सबको हिलाकर रख दिया। मुझे जो दुख है वह मैं ही जान सकता हूं। पूरे देश में यह संदेश चला गया कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता हूं इसलिए यह सब हो रहा है। हमारी परंपरा है कि एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाता है। दुर्भाग्य से ऐसी स्थिति बन गई कि प्रस्ताव पारित नहीं पाया। मैं मुख्यमंत्री हूं और विधायक दल का नेता हूं, यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। इस बात का दुख मुझे हमेशा रहेगा। मैंने सोनिया जी से माफी मांगी है।’