Highlights
- अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र-राहुल गांधी
- बिहार में स्थानों पर युवाओं ने किया विरोध प्रदर्शन
नयी दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षा की प्रक्रिया का विरोध कर रहे युवाओं का समर्थन करते हुए बुधवार को कहा कि अधिकारों के लिए आवाज उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है। उन्होंने बिहार में एक ट्रेन रोककर राष्ट्रगान गा रहे युवाओं का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है, जो भूल गए हैं, उन्हें याद दिला दो कि भारत लोकतंत्र है, गणतंत्र था, गणतंत्र है!’’
गौरतलब है कि रेलवे ने अपनी भर्ती परीक्षाओं की चयन प्रक्रिया को लेकर परीक्षार्थियों के हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बाद एनटीपीसी और लेवल-1 की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला किया है। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि रेलवे ने एक समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी। बिहार के कई स्थानों पर युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया और कई ट्रेनों को रोका। इस दौरान पुलिस ने भी बल प्रयोग किया।
इससे पहले राहुल गांधी ने मंगलवार को भी छात्रों के समर्थन में ट्वीट किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘डबल इंजन की सरकार’ ने रोजगार मांगने पर ‘डबल अत्याचार’ किया है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच कथित तौर पथराव होने का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘अपने हक़ का रोज़गार मांगने के लिए डबल-इंजन सरकार ने किया डबल अत्याचार। मेरा भारत ऐसा नहीं था!’’
इस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने हक की बात कह रहे छात्र-छात्राओं के साथ डबल इंजन सरकार की पुलिस का व्यवहार देखिए। युवाओं के दमन के खिलाफ देश भर में इंकलाब होगा और भाजपा का अहंकार चूर-चूर होगा। युवा रोजगार का हक लेकर रहेंगे।’’ गौरतलब है कि रेलवे की ग्रुप डी परीक्षा में किए गए बदलाव के विरोध में मंगलवार को भी छात्रों ने पटना, आरा, बक्सर, नवादा और बिहारशरीफ आदि कई जगह पर जमकर हंगामा और प्रदर्शन किया। पटना शहर में हजारों लोगों के ट्रेन की पटरियों पर खड़े होकर विरोध-प्रदर्शन के कारण सोमवार को यहां कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा या उनके मार्ग बदलने पड़े।