कांग्रेस सांसद कार्ती चिदंबरम को राऊज एवेन्यू कोर्ड से बड़ा झटका लगा है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने चाइनीज वीजा स्कैम मामले में कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाया है। ईडी की ओर से राऊज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में कार्ति चितंबर को आरोपी नंबर 1 बनाया गया है। इस चार्जशीट में पांच लोगों के साथ-साथ तीन कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है। इनमें कार्ति चिदंबरम के अलावा उनके सीए एस भास्कर रनम को भी शामिल किया गया है। चार्जशीट में कार्ति की कंपनी एडवांटेज इंडिया को भी आरोपी बनाया गया है।
कार्ति चिदंबरम पर कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
बता दें कि सभी आरोपियों पर प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के सेक्शन 3 और 4 के तहत केस दर्ज किया गया है। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लेने को लेकर अपने आदेश को सुरक्षित रखा है। कोर्ट अब इस मामले में 16 मार्च को फैसला सुनाने वाला है। बता दें कि इस मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने वित्तीय जांच एजेंसी के वकील की दलींले सुनीं। इससे पहले कार्ति चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत देने के लिए याचिका दायर की थी।
कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कही ये बात
कार्ति चिदंबरम का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने आरोप के खिलाफ दलील दी थी, जिसमें आरोपियों को फंसाने वाले भौतिक सबूतों की अनुपस्थिति पर जोर दिया गया था। सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि पैसे की लेनदेने की सबूत के बिना मनी लॉन्ड्रिंग का कोई भी मामला स्थापित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि पैसा नहीं है तो उसका शोधन नहीं किया जा सकता है। फइर भी उन्होंने ईसीआईआर दर्ज कर लिया। कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि यह मामला साल 2011 का है लेकिन ईडी ने साल 2022 में मामला दर्ज किया है।