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चावल मिला नहीं, अब गरीबों को ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत इतने पैसे देगी कर्नाटक सरकार

कर्नाटक सरकार ने ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत चावल देने के लिए केंद्र सरकार ने इस अनाज की मांग की थी, लेकिन उसने स्टॉक की कमी की बात कहकर असमर्थता जता दी थी।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: June 28, 2023 16:17 IST
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Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL कर्नाटक सरकार अब ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत गरीबों को पैसे देगी।

बेंगलुरू: ‘अन्न भाग्य’ योजना के तहत चावल उपलब्ध नहीं होने के मद्देनजर कर्नाटक सरकार ने लाभार्थियों को अतिरिक्त 5 किलोग्राम अनाज के लिए पैसे देने का फैसला किया है। कर्नाटक के मंत्री मुनियप्पा ने बताया कि, ‘अन्न भाग्य’ के तहत गरीबी रेखा से नीचे (BPL) गुजर-बसर करने वाले परिवारों को अतिरिक्त 5 किलोग्राम चावल के बदले पैसे का वितरण एक जुलाई से शुरू होगा। बता दें कि मुनियप्पा ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने स्टॉक की कमी का हवाला देते हुए मुफ्त चावल वितरण करने के चुनावी वादे को पूरा करने के लिए चावल की सप्लाई करने के कर्नाटक सरकार के अनुरोध को ठुकरा दिया।

प्रति किलो चावल के बदले मिलेंगे 34 रुपये

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने अतिरिक्त 5 किलोग्राम अनाज के लिए 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान करने का फैसला किया है। इस तरह एक लाभार्थी को अतिरिक्त अनाज के बदले 170 रुपये मिलेंगे। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक को चावल देने से इनकार किए जाने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को कहा था कि राज्य सरकार ने ‘अन्न भाग्य योजना’ के तहत BPL परिवारों को 5 किलोग्राम अतिरिक्त चावल प्रदान करने के वास्ते 3 केंद्रीय एजेंसियों से चावल की सप्लाई के लिए टेंडर मंगाया है।

केंद्र सरकार पर बरसे सीएम सिद्धरमैया
सिद्धरमैया ने केंद्र सरकार की इस बात के लिए आलोचना की कि उसने उस योजना के लिए कर्नाटक सरकार को चावल देने से इनकार कर दिया जो चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा दी गई 5 गारंटी में से एक है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार केवल समस्या बढ़ाने के लिए हमें चावल देने के लिए राजी नहीं है। सिद्धरमैया ने कहा कि राज्य मुफ्त में चावल नहीं मांग रहा है वह इसके लिए पैसे देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से पहले ही 5 किलोग्राम गेहूं मिल रहा है जिसपर 36.70 रुपये प्रति किलोग्राम की लागत आ रही है, ऐसे में यदि चावल दिया गया तो कर्नाटक सरकार उसी हिसाब से भुगतान करेगी।

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