Highlights
- राजस्थान में कांग्रेस के 90 विधायकों के इस्तीफे के बाद गहराया राजनीतिक संकट
- आलाकमान गहलोत और उनके गुट से बताया जा रहा नाराज
- नई सरकार के समीकरणों पर हो रही है तेजी से चर्चा
Rajasthan Govt in Crisis:कांग्रेस ने सपने में भी नहीं सोचा रहा होगा कि इस बार राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव उसके लिए इतनी बड़ी मुसीबत बन जाएगा कि एक और राज्य से सरकार गंवाने की नौबत आ जाएगी। राजस्थान के मौजूदा सीएम अशोक गहलोत के समर्थन वाले 90 विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंपकर कांग्रेस आलाकमान को बड़ी मुश्किल में फंसा दिया है। अभी तक माना जा रहा था कि अशोक गहलोत ही पार्टी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे, लेकिन अब इस पर भी आशंका के बादल छा गए हैं। आलाकमान अब गहलोत और उनके गुट के विधायकों से नाराज बताया जा रहा है। वहीं इस सियासी संकट के बीच यह भी सवाल उठने लगे हैं कि राज्य में विपक्ष की भूमिका निभा रही भाजपा क्या यहां भी सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगी?
आइए अब आपको समझाते हैं कि राजस्थान में पैदा हुए ताजा संकट के बीच नई सरकार बनने की क्या संभावनाएं हैं। राजस्थान में यह सियासी संकट ऐसे समय में पैदा हुआ है, जब वहां चुनाव होने में महज आठ से 10 माह का ही समय शेष रह गया है। मौजूदा वक्त में कांग्रेस की सरकार राजस्थान और छत्तीसगढ़ समते देश के सिर्फ दो राज्यों तक ही सीमित रह गई है। इससे पहले कांग्रेस मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार भी गुटबाजी के चलते ही गंवा चुकी है। अब राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और मुख्यमंत्री पद के दूसरे सबसे बड़े दावेदार सचिन पायलट के बीच गुटबाजी के चलते ऐसी ही हालात से गुजर रही है।
कांग्रेस में किसके साथ कितने विधायक
मौजूदा वक्त में कांग्रेस के 90 विधायकों ने अशोक गहलोत के समर्थन में इस्तीफा दिया है। 200 विधानसभा वाले इस राज्य में कांग्रेस के कुल 108 विधायक हैं। अब 90 विधायकों के इस्तीफे के बाद उसके 18 विधायक ही शेष बचे हैं। जिन 90 विधायकों ने इस्तीफा दिया है, उन्होंने खुलकर यह बात कह दी है कि अशोक गहलोत के अलावा किसी भी दूसरे नेता का नेतृत्व वह स्वीकार नहीं करेंगे। ऐसे में यह माना जा सकता है कि सचिन पायलट गुट के 18 विधायक ही शेष हैं। ऐसे में मौजूदा स्थिति के अनुसार सचिन पायलट बेहद कमजोर स्थिति में हैं। अगर 90 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है तो 200 में से 90 विधायक कम हो जाएंगे। इस प्रकार विधानसभा में केवल 110 विधायक बचेंगे। तब बहुमत के लिए केवल 56 विधायक चाहिए। इस प्रकार भाजपा अकेले सरकार बना लेगी। यदि 90 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं होता तो अन्य समीकरण इस प्रकार हैं।
राजस्थान में कुल विधानसभा सीटें 200
किस पार्टी के कितने विधायक
पार्टी विधायकों की संख्या
- कांग्रेस 108
- भाजपा 71
- राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी 03
- माकपा 02
- भारतीय ट्राइबल पार्टी 02
- रालोद 01
- निर्दलीय 13
भाजपा की किस समीकरण से बन सकती है सरकार
राजस्थान में भाजपा के मौजूदा विधायकों की संख्या 71 है। सरकार बनाने के लिए 101 विधायकों का बहुमत होना चाहिए। इस हिसाब से भाजपा को 28 विधायकों की जरूरत और है। यदि सभी निर्दलीय 13 विधायकों व राष्ट्रीय लोकतांत्रित पार्टी के तीन, माकपा के दो और भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों को भी मिला दिया जाए तो भाजपा के पास 73 में 20 विधायक जुड़कर कुल 93 विधायक ही हो रहे हैं। ऐसे में भी भाजपा की सरकार नहीं बन सकती। मगर एक समीकरण और है, जिसके तहत भाजपा राजस्थान में सरकार बना सकती है।
ऐसे भाजपा बना सकती है सरकार
पार्टी विधायक
- भाजपा 71
- निर्दलीय 13
- अन्य 08
- सचिन पायलट खेमे के 18
- कुल संख्या 73+13+08+17=110
- बहुमत के लिए जरूरी विधायक = 101
दूसरा समीकरण
यानि यदि सचिन पायलट गुट के 18 विधायक भाजपा के साथ आ जाएं तो वहां नई सरकार बन सकती है। मगर तब दल बदल कानून लागू होगा। ऐसे में यदि 18 विधायकों को वोट देने का अधिकार खत्म कर दिया जाए तो विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 200-18= 182 मानी जाएगी। यानि तब बहुमत के लिए 92 विधायकों की जरूरत होगी। ऐसी स्थिति में गहलोत के पास 90 विधायक और भाजपा के पास 73 और 20 निर्दलीय व अन्य विधायकों के साथ 93 विधायक हो रहे हैं। ऐसे में भाजपा की सरकार बन सकती है। मगर अब चुनाव में बहुत ही कम समय शेष बचा है। ऐसे में विशेषज्ञ मानते हैं कि शायद भाजपा राजस्थान में सरकार बनाने को तैयार नहीं होगी। वह चुनाव का इंतजार करेगी।