राहुल गांधी ने एक बार फिर ईवीएम को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स की तरह है, जिसकी जांच नहीं की जा सकती है। इसपर अब एनडीए घटक दल के नेता रामदास आठवले ने बयान दिया है। रामदास आठवले ने कहा कि राहुल गांधी लगातार तीसरी बार सत्ता से दूर होने की वजह से ईवीएम हैक का भ्रम फैला रहे हैं। ईवीएम से वोटिंग भाजपा की सरकार नहीं लाई थी। इसे कांग्रेस सरकार लेकर आई थी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में ईवीएम के हैक होने की बार-बार बात विपक्ष उठा रहा है। सभी विपक्षी दल एकमत होकर बोले कि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए। बैलेट पेपर से चुनाव बहुत पेचींदा होता था। चुनाव के रिजल्ट आने में देरी होती थी। इस कारण ईवीएम लाया गया। चुनाव आयोग भी बार-बार ईवीएम को हैक करने की चुनौती दे चुका है। तब सब लोग चुप थे।
ईवीएम के मामले पर रामदास आठवले का बयान
रामदास आठवले ने कहा कि लोकतंत्र में बार-बार ईवीएम पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। अगर रविंद्र वायकर के चुनाव जीत पर ईवीएम की गड़बड़ी का आरोप राहुल गांधी लगा रहे हैं तो इसकी भी जांच होनी चाहिए कि इंडी गठबंधन और कांग्रेस को इतनी सीट कैसे आई। क्या कुछ जगहों पर ईवीएम हैक हुए थे क्या। अगर कहीं एक दो जगह ईवीएम हैक की शिकायत है तो उसकी जांच हो रही है। 2004 और 2009 में कांग्रेस की यूपीए सरकार अल्पमत में थी। कांग्रेस को बहुमत नहीं था। फिर भी सरकार 10 साल चली। क्या उस समय एनडीए या भाजपा ने सवाल उठाए थे। क्या एनडीए या भाजपा ने ईवीएम हैक का आरोप लगाया था।
आठवले बोले- गलती हुई, इस कारण भाजपा को नहीं मिला बहुमत
उन्होंने कहा कि इस बार कुछ गलतियां हुई हैं, जिसकी वजह से भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, लेकिन 2014-19 में भाजपा को बहुमत मिलने के बाद भी एनडीए सरकार थी। इस बार भी एनडीए सरकार है। भाजपा के साथ हमसे इस चबार चुनाव में कुछ गलतियां हुई। उसे सुधारेंगे और 2029 में फिर से मोदी जी प्रधानमंत्री बनेंगे। राहुल गांधी यही ईवीएम का राग अलापते रहें। राहुल गांधी से सवाल होना चाहिए कि क्या ईवीएम हैक के चलते इंडी गठबंधन 234 सीट जीता?