अयोध्र्या में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश के प्रधानमंत्री ने कठिन व्रत रखा था। पीएम मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले 12 से 22 जनवरी तक 11 दिनों का कठिन अनुष्ठान किया था और इस दौरान उन्होंने सिर्फ नारियल पानी का ही सेवन किया था। प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के बाद उन्होंने विधिवत चरणामृत लेकर व्रत तोड़ा था। अब पीएम मोदी के इस अनुष्ठान को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने विवादित बयान दिया है उन्होंने पीएम के अनुष्ठान पर ही सवाल उठाया है।
वीरप्पा मोइली ने पीएम के अनुष्ठान पर कसा तंज
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटका के पूर्व CM वीरप्पा मोइली ने तंज कसते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो ये किसी चमत्कार से कम नहीं है। मोइली ने कहा कि अगर पीएम ने धर्म अनुष्ठान नहीं किया है तो उन्होंने गर्भ गृह को अपवित्र कर दिया है। मैं आज सुबह जब एक डॉक्टर के साथ मॉर्निंग वॉक कर रहा था तो उन्होंने मुझे बताया कि इस तरह से एक इंसान का जिंदा बचना सम्भव नहीं है, अगर वो जिंदा हैं तो ये कोई चमत्कार ही है, इसीलिए मुझे शक है कि उन्होंने वृत रखा होगा। अगर उन्होंने बिना व्रत रखे गर्भ गृह में प्रवेश किया है तो वो अपवित्र हो गया है वहां से ऊर्जा का संचार होना सम्भव नहीं है।
पीएम ने पूरा किया था अनुष्ठान
बता दें कि अयोध्या में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने 11 दिन के अनुष्ठान करने की जानकारी दी थी। पीएम ने अपने उपवास के दौरान दक्षिण भारत में कई मंदिरों में जाकर पूजा-अर्चना की थी। पीएम ने इस दौरान जप और गाय की भी पूजा की, अपने पूरे अनुष्ठान के दौरान वे फर्श पर सोए और नारियल पानी पीकर, फल खाकर रहे। पीएम मोदी ने रामायण से जुड़े चार राज्यों के सात मंदिरों में जाकर दर्शन-पूजन किया था।