राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भारतीय न्याय संहित बिल को लेकर प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं आज न्यायधीशों से आग्रह करता हूं कि वे चौकन्ने रहें क्योंकि इसके जरिए सभी संस्थानों पर सरकार का कंट्रोल रहेगा। कपिल सिब्बल ने कहा, 'मैं आग्रह करता हूं कि तुरंत इस कानून को वापस लिया जाए। यह बिल बहुत खतरनाक है। विपक्षी दलों को मिलकर यह बात आगे रखनी चाहिए क्योंकि यह कानून संवैधानिक ढांचे के लिए खतरा है। यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता को नजरअंदाज करने वाला है। यह पूरी तरह से असंवैधानिक है।'
न्याय संहित बिल असंवैधानिक
कपिल सिब्बल ने कहा कि कौन ऐसा अधिकारी होगा जो सरकार के इशारो पे नहीं चलेगा? सबको लगेगा की किसी भी अधिकारी पे कभी भी कोई भी आरोप लग सकता है। ऐसे में अगर आरोप लगा तो 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा, 'मैं जानना चाहता हूं कि किस मंशा के साथ यह कानून लाया गया है। गृह मंत्री जी आपने क्या कानून पढ़ा था? अगर कोई पुलिसकर्मी इनके खिलाफ गया तो इस कानून की वजह से पुलिस कर्मी भी जेल जाएंगे। ऐसा कानून तो महाराजा लोग भी नहीं लाए थे। अंग्रेजो ने भी कभी ऐसा नहीं किया था।'
सरकार बना रही डरावने कानून
उन्होंने कहा कि यह कानून कहता है कि अगर किसी ने गिरफ्तारी देने से मना किया तो उसको भी 2 साल कि सजा हो सकती है। उन्होंने कहा, 'सरकार कॉलोनीयल एरा के कानून खत्म तो कर रही है लेकिन अब उनसे भी डरावने कानून ला रही है। आप किस लोकतंत्र की बात कर रहे हैं? यह तो Father of Dictatorship वाली बात हो गई।