नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश के राज्यसभा चुनावों में बीजेपी के एक फैसले ने लोगों की दिलचस्पी बढ़ा दी है। दरअसल, नामांकन के आखिरी दिन बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश से हर्ष महाजन को मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है, वहीं उत्तर प्रदेश में भी पार्टी ने 8वां कैंडिडेट उतारकर सियासी हलचल मचा दी है। नामांकन के खत्म होते-होते उठाए गए इस कदम ने इन दोनों राज्यों में राज्यसभा चुनावों को लेकर लोगों की दिलचस्पी को बढ़ा दिया है।
हर्ष महाजन ने गुरुवार को भरा नामांकन
बता दें कि हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर चुनाव होना है और बुधवार तक यह सीट कांग्रेस के खाते में जाती दिख रही थी। अब नॉमिनेशन के आखिरी दिन बीजेपी ने अपना उम्मीदवार उतार दिया है जिसके बाद यह साफ हो गया है कि हिमाचल में भी राज्यसभा सीट का फैसला वोटिंग से ही होगा। इस सीट पर अब कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के सामने बीजेपी के हर्ष महाजन मैदान में हैं। बजट सत्र के दूसरे दिन बीजेपी नेता हर्ष महाजन ने विधानसभा सचिवालय में अपना नामांकन भरा। इस दौरान उनके साथ पूर्व सीएम जयराम ठाकुर सहित बीजेपी के कई नेता मौजूद रहे।
BJP को है क्रॉस वोटिंग की उम्मीद
पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि कांग्रेस प्रत्याशी के मुकाबले बीजेपी अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी, लेकिन कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान के चलते पार्टी ने यह फैसला लिया। हर्ष महाजन पहले कांग्रेस में ही थे और 28 सितंबर 2022 में उन्होंने पार्टी को अलविदा कहकर बीजेपी का दामन थामा था। हर्ष को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का बेहद करीबी माना जाता था। एक तरफ जहां हिमाचल कांग्रेस में संगठन और सरकार में रार चल रही है, तो दूसरी तरफ अक्सर प्रतिभा सिंह सरकार के खिलाफ बयानबाजी करती रहती हैं। BJP को उम्मीद है कि नाराज चल रहे कांग्रेसी विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं।
यूपी में BJP के 8वें कैंडिडेट ने लाया ट्विस्ट
राज्यसभा की जंग को बीजेपी ने यूपी में भी 8वां कैंडिडेट उतारकर दिलचस्प बना दिया है। बीजेपी ने संजय सेठ को यूपी से अपना आठवां उम्मीदवार बनाया है। समाजवादी पार्टी के कोषाध्यक्ष रह चुके संजय सेठ के प्रत्याशी बनाए जाने से अखिलेश यादव के तीसरे राज्यसभा उम्मीदवार का मामला फंसता दिख रहा है। BJP के इस फैसले से सपा में बेचैनी है क्योंकि यूपी की 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं और 9 सीटों का गणित क्लियर है। BJP के पास 7 उम्मीदवारों को जिताने के नंबर हैं तो सपा भी 2 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को जितवा सकती है, लेकिन 10वीं सीट के लिए दोनों में से किसी भी पार्टी के पास पूरे नंबर नहीं हैं।