Highlights
- नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर क्या होगा फैसला
- पायलट के नाम पर गहलोत गुट ने नाराजगी जताई
- गहलोत गुट की तरफ से 93 विधायकों ने दिया इस्तीफा
Rajasthan Politics: राजस्थान में अशोक गहलोत की जगह किसी दूसरे नेता को चुनने के लिए आज शाम 7 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी थी। इससे पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस आलाकमान की तरफ से सचिन पायलट के नाम पर मुहर लग सकती है लेकिन अशोक गहलोत गुट के विधायकों की नाराजगी की वजह से बैठक नहीं हो सकी। गहलोत समर्थक 93 विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफा सौंप दिया। अब गहलोत गुट की तरफ से CM को लिए दो नाम सबसे आगे चल रहे हैं और वह दो नाम गोविंद सिंह डोटासरा और होमाराम चौधरी का है। वहीं प्रताप सिंह खाचरियावास को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात कही जा रही है।
गोविंद सिंह डोटासरा को दी जा सकती है जिम्मेदारी
वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का नाम CM रेस के लिए अब सबसे आगे चल रहा है। जाट समुदाय से आने वाले गोविंद सिंह डोटासरा को सीएम बनाकर पार्टी जाटों को साध सकती है। राजस्थान में 11 लोकसभा सीटों पर जाट अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में 2024 में पार्टी को लाभ हो सकता है।
हेमाराम चौधरी को पर भी आलाकमान जता सकती है भरोसा
हेमाराम चौधरी राजस्थान की वर्तमान सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं। सचिन पायलट के नाम पर गहलोत गुट की नराजगी के बाद अब हेमाराम चौधरी का नाम भी CM के लिए सामने आ गया है। हेमाराम चौधरी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं और गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
विधायकों की अभी भी पहली पसंद अशोक गहलोत
सोनिया गांधी के भेजे गए पर्यवेक्षकों से मिलने से पहले ही गहलोत समर्थक विधायकों ने अपना फैसला सुना दिया है। विधायकों की राय जानने के लिए सोनिया गांधी ने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा है लेकिन गहलोत समर्थक 93 विधायकों ने मंत्री शांति धारीवाल घर बैठक की और गहलोत के समर्थन में अपना इस्तीफा दे दिया है। विधायक चाहते हैं कि अशोक गहलोत ही राजस्थान के सीएम की गद्दी संभालें। कांग्रेस आलाकमान राजस्थान के सीएम चेहरे की तलाश कर रही थी। सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों से मुलाकात भी कर रहे थे लेकिन उससे पहले ही गहलोत खेमा एक्टिव हो गया।
पॉलिटिक्स नंबरों का गेम है -प्रताप सिंह खाचरियावास
राजस्थान सरकार में मंत्री और सीएम गहलोत के करीबी प्रताप सिंह खाचरियावास ने साफ कहा कि पॉलिटिक्स नंबरों का गेम है। इसके पीछे का खेल आपको समझाते हैं। दरअसल, गहलोत, सचिन पायलट का सीएम के रूप में विरोध कर रहे थे और चाहते थे कि विधायक अपनी बात कहें। जिसका नतीजा हुआ कि आज गहलोत समर्थक 93 विधायकों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया।