नई दिल्ली: पिछले कई महीनों से चले आ रहे राजस्थान के सियासी झगडे का अंत होता हुआ दिख रहा है। आज सोमवार की शाम से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठकें चल रही थीं। कांग्रेस अध्यक्ष पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिले। इसके बाद सचिन पायलट से मुलाकात हुई। इन बैठकों में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी और राजस्थान प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा भी मौजूद रहे।
अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे - सूत्र
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सभी मसले सुलझा लिए गए हैं। अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों नेता मिलकर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने फैसला आलाकमान पर छोड़ दिया है। हालांकि इस दौरान गहलोत और पायलट मीडिया से कुछ नहीं बोले। वहीं सूत्रों से जानकारी सामने आ रही है कि इस बैठक में तय हुआ है कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहेंगे, लेकिन प्रदेश संगठन में बदलाव किया जाएगा और संभावना है कि सचिन पायलट को संगठन में जिम्मेदारी दी जाए।
2020 के मानेसर प्रकरण के बाद घटा पायलट का कद
गौरतलब है कि इससे पहले भी सचिन पायलट सरकार में डिप्टी सीएम के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मेदारी निभा चुके हैं, लकिन 2020 के मानेसर प्रकरण के बाद आलाकमान ने उन्हें दोनों जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था। इसके बाद सचिन पायलट और उनके समर्थकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ झंडा उठा दिया था और समय-समय पर दोनों गुटों की लड़ाई खुले मंच तक आ गई थी।
सचिन पायलट ने यात्रा निकाल दिखाए थे तेवर
हाल ही में सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर तक जनसंघर्ष यात्रा निकाली थी। इस यात्रा में उन्होंने सीधे तौर पर अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोला था। इसके बाद यह लगने लगा था कि अगर जल्द ही इस मसले को सुलझाया नहीं गया तो स्थिति बिगड़ सकती है। जिसके बाद कहा गया था कि कर्नाटक मुख्यमंत्री पद का मसला सुलझाने के बाद आलाकमान इस विषय पर भी बैठक करेगा। कर्नाटक मसला सुलझने के बाद अब पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राजस्थान मसले को भी जल्द सुलझाना चाहते है और यह बैठक इसी क्रम में अहम कड़ी थी।