जयपुर: राजस्थान में भजन लाल सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। कुल 22 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली है। इसमें 12 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 5 राज्य मंत्री हैं। हैरानी की बात ये है कि भजन लाल सरकार में बाबा बालकनाथ समेत 3 भगवाधारियों में से एक को भी जगह नहीं दी गई है। जबकि बाबा बालकनाथ तो सीएम पद की रेस में भी थे।
सियासी गलियारों में चर्चारों का बाजार गरम
सियासी गलियारों में इस बात की खूब चर्चा है कि भजन लाल सरकार में बाबा बालकनाथ, महंत प्रतापपुरी और बाल मुकुंदाचार्य को कोई जगह नहीं दी गई है। चुनाव के बाद ये तीनों ही नेता खूब चर्चा में थे। बाबा बालकनाथ तो सीएम पद की रेस में थे। जब उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो लोगों को लगा कि उन्हें मंत्री पद मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा चर्चा इस बात की भी है कि सिर्फ एक गुर्जर विधायक जवाहर सिंह बेडम को राज्यमंत्री का दर्जा मिला है।
कौन हैं बाबा बालकनाथ?
बाबा बालकनाथ पहले अलवर से सांसद थे। उन्हें राजस्थान चुनाव में तिजारा सीट से कैंडीडेट बनाया गया था, जिसमें उन्होंने जीत हासिल की। बालकनाथ ने अपने प्रतिद्वंदी और कांग्रेस प्रत्याशी इमरान खान को करीब 10,707 मतों से हराया था।
विधानसभा चुनाव में जीत के बाद से ही बाबा बालकनाथ को राजस्थान के सीएम पद का दावेदार माना जा रहा था। उन्हें राजस्थान का योगी आदित्यनाथ भी कहा जाता है। लेकिन राज्य में जब सीएम का ऐलान हुआ तो सत्ता की चाबी भजन लाल शर्मा को सौंप दी गई। बालकनाथ को डिप्टी सीएम भी नहीं बनाया गया।
बीजेपी आलाकमान के इस फैसले के बाद ये चर्चा होने लगी कि बाबा बालकनाथ को कोई अहम मंत्रालय दिया जा सकता है। लेकिन आज जब राजस्थान में सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, तो उसमें बालकनाथ का नाम नहीं था। इसके बाद से सियासी गलियारों में इस बात की खूब चर्चा हो रही है।
कब बने थे पहली बार सांसद?
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में अलवर से कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को हराकर बाबा बालकनाथ पहली बार सांसद बने थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता को करारी पटखनी देने के बाद ही 'बाबा' के नाम को राजनीति के गलियारे में बंपर उछाल मिला। हालही में बालकनाथ उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने राजस्थान पुलिस के डीएसपी को थाने में घुसकर धमका दिया था।
बीजेपी कार्यकर्ता को हिरासत में लेने से नाराज सांसद ने डीएसपी से कहा था- मेरा नाम याद रखना। मेरी सूची में तीन लोग हैं, एक तो यहां के विधायक, पुराने थानेदार और अब आप भी मेरी लिस्ट में हैं। बाबा बालकनाथ की आसपास के क्षेत्र में काफी अच्छी पकड़ हैं और वे लोगों में अपने हिंदुत्व एजेंडे को लेकर भी काफी प्रचलित हैं।
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