Highlights
- नेता वही होता है जो अपने ईर्द-गिर्द ऊर्जा एकत्र कर सकता है: योगेंद्र यादव
- राहुल गांधी के ईर्द-गिर्द सार्थक और सकारात्मक ऊर्जा एकत्र हो रही है: योगेंद्र यादव
Rahul Gandhi: कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पिछले एक महीने से चल रही है और यह इन दिनों कर्नाटक में है। यात्रा को लेकर अलग-अलग निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। इस यात्रा में शामिल ‘स्वराज इंडिया’ के नेता योगेंद्र यादव से ‘भाषा’ के पांच सवाल और उनके जवाब-
सवाल: कुछ साल पहले तक आप कांग्रेस की आलोचना करते थे और अचानक से क्या हृदय परिवर्तन हुआ कि आप इस यात्रा में शामिल हो गए?
जवाब: इस वक्त देश के सामने अभूतपूर्व संकट है। आज देश उस मोड़ पर है जहां हम नहीं कह सकते कि तीन साल बाद संविधान बचेगा या नहीं? ऐसे बड़े संकट के समय छोटा-बड़ा गुणा-भाग नहीं करना है। मैंने 2019 के लोकसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले कहा था कि कांग्रेस को बंद कर देना चाहिए। मैंने राहुल गांधी के बारे में उस समय कहा था और आज उसे दोहरा रहा हूं कि राहुल गांधी जितना ईमानदार नेता इस देश में मैंने नहीं देखा और उनमें जितनी समझदारी है, वह लोगों को नहीं पता है। मेरे सिद्धांत और नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उस वक्त कांग्रेस की आलोचना इसलिए की थी कि इतने निर्णायक चुनाव में आप भाजपा का मुकाबला सड़क पर खड़े होकर नहीं कर पाए। आज भी इस बात पर कायम हूं कि कांग्रेस की सबसे पहले यह जिम्मेदारी है कि वह भाजपा का मुकाबला करे। आज फर्क यह है कि कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी को लेकर कुछ कर रही है।
सवाल: क्या इस यात्रा से राहुल गांधी की छवि बदलेगी?
जवाब: नेता वही होता है जो अपने ईर्द-गिर्द ऊर्जा एकत्र कर सकता है। पिछले 30 दिनों में राहुल गांधी के ईर्द-गिर्द सार्थक और सकारात्मक ऊर्जा एकत्र हो रही है। वो तस्वीर (बारिश में भीगते हुए भाषण देने की) क्यों वायरल हो गई क्योंकि उसमें ऊर्जा थी। व्यक्ति के रूप में राहुल गांधी अच्छे हैं, यह हर कोई जानता हैं। अगर वह अपने साथ ऊर्जा लेकर चलते हैं तो यह उनके लिए, कांग्रेस और देश के लिए अच्छा है।
सवाल: क्या इस यात्रा के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस अगले लोकसभा चुनाव में विपक्ष का नेतृत्व करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं?
जवाब: 2024 में विपक्ष का चेहरा कौन होगा, इस सवाल में मेरी दिलचस्पी नहीं है। 2024 में यह तय है कि भाजपा की राह उतनी आसान नहीं है, जितना प्रचार वो कर रही है। भाजपा की हालत बहुत खराब है। अगर विपक्ष खड़े होकर लड़ा तो भाजपा के लिए बहुत मुश्किल है। सत्तारू़ढ़ पार्टी के साथ सीधे मुकाबले वाली करीब 200 लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने ताकत दिखाई तो भाजपा केंद्र की सत्ता से बाहर हो सकती है।
सवाल: क्या आप कांग्रेस में शामिल होंगे?
जवाब: इसमें कोई छिपी बात नहीं है कि हम इस यात्रा कर समर्थन कर रहे हैं। इस काम को बेहतर ढंग से कर पा रहे हैं क्योंकि हम कांग्रेस में नहीं हैं। सिद्धांत यह नहीं होता है कि इस पार्टी का साथ देना, उसका विरोध करना। सिद्धांत यह होता है कि मैं कैसा हिंदुस्तान देखना चाहता हूं।
सवाल: आज आप कांग्रेस के साथ खड़े हैं, क्या आपको अन्ना आंदोलन और आम आदमी पार्टी के लोगों के साथ खड़े रहने का कोई अफसोस है?
जवाब: मैं ‘इंडिया अगेंस्ट कपरप्शन’ का हिस्सा नहीं था, मैंने उनका समर्थन किया था। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को समर्थन करने का मुझे कोई गिला नहीं है, मुझे अफसोस इस बात का है कि आम आदमी पार्टी पर एक चौकड़ी को कब्जा करने दिया और उसे गलत हाथों में जाने दिया। उसका मैं अपने आपको दोषी मानता हूं। जब यह पार्टी दंगों के समय नहीं बोलती, रोहिंग्या का मुद्दा उठाती है तो मुझे शर्मिंदगी होती है।