लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा क्रातिकारी विनायक दामोदर सावरकर का कथित अपमान करने के मामले में लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने 10 जनवरी 2025 को तलब किया है। राहुल गांधी पर आरोप है कि राहुल गांधी ने विनायक दामोदर सावरकर के बारे में शरारतपूर्ण बयान देकर लोगों के बीच दुश्मनी और सद्भावना को बिगाड़ने का काम किया है। इसलिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर मुकदमा चलाया जाएगा। स्थानीय वकील नृपेन्द्र पांडेय द्वारा दायर आपराधिक शिकायत पर अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा ने राहुल गांधी के खिलाफ यह आदेश पारित किया है। इस मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) आलोक वर्मा की अदालत ने गुरुवार को आदेश जारी करते हुए राहुल गांधी को बतौर अभियुक्त तलब करते हुए 10 जनवरी 2025 को पेश होने का आदेश दिया है।
शिकायतकर्ता ने कही ये बात
शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडेय ने अपनी शिकायत में कहा, '17 दिसंबर 2022 को अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने वैमनस्य और द्वेष फैलाने की मंशा से राष्ट्रवादी विचारधार के महानायक विनायक दामोदर सावरकर को अंग्रेजों से पेंशन लेने वाला नौकर बताया।' शिकायतकर्ता ने आगे राहुल गांधी पर यह भी आरोप लगाया कि संवाददाता सम्मेलन से पूर्व सावरकर को अपमानित करने के मकसद से पहले से ही छपे परचे संवाददाताओं को वितरित किए गए जो इस बात का प्रमाण है कि सावरकर के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से पहले से ही पर्चे छपवाए गए।
राहुल गांधी को कोर्ट ने किया तलब
बता दें कि राहुल गांधी पर वीर सावरकर के खिलाफ अनर्गल दोषारोपण करने का आरोप है। अदालत द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने जून 2023 में राहुल गांधी के खिलाफ इस मामले में एक शिकायत दायर की थी, जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। इसके विरुद्ध निगरानी न्यायालाय में अर्जी दाखिल की गई, जिसने इसी साल तीन अक्तूबर को शिकायत को पोषणीय माना। आदेश में कहा गया है कि न्यायालय का मत है कि राहुल गांधी ने अपने कृत्य से समाज में घृणा, द्वेष और वैमनस्य फैलने का काम किया है जो भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) की धारा 153-ए (किसी धर्म जाति वंश जन्म स्थान निवास या भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता फैलाना) और 505 (अफवाह फैलाना) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है, लिहाजा राहुल को तलब किए जाने के पर्याप्त आधार हैं।
(इनपुट-भाषा)