नई दिल्ली: सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है, जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी है। राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम को लेकर की गई कथित टिप्पणी पर भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी। इस मानहानि के मामले में गुरुवार को राहुल गांधी को दो साल कैद की सजा सुनाई गई। हालांकि अदालत ने गांधी को जमानत भी दे दी और सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया ताकि उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने की अनुमति मिल सके। इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है और विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार पर लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने कोर्ट के इस फैसले की कड़ी निंदा की है।
मानहानि का मामले की जानिए पूरी टाइमलाइन
अप्रैल 13, 2019
साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली में, राहुल गांधी ने कहा था: “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी … कैसे इन सभी का उपनाम मोदी है? कैसे इन सभी चोरों का सरनेम मोदी ही है?”
इस बयान के बाद अप्रैल 16, 2019 में भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ सूरत की अदालत में उनकी सरनेम वाली टिप्पणी के लिए राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया। इस मामले में आईपीसी की धारा 499, 500 और 504 के तहत केस दर्ज किए गए।
2 मई, 2019 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने राहुल के खिलाफ मामला दर्ज करने और सम्मन जारी करने का आदेश दिया।
जुलाई 16, 2019 में कोर्ट ने राहुल गांधी को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी; अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को निर्धारित की गई।
10 अक्टूबर, 2019 को राहुल गांधी कोर्ट में पेश हुए। राहुल गांधी ने आरोपों के लिए दोषी नहीं मानने का अनुरोध किया था।
जून 2020 को राहुल गांधी ने अदालत से कहा कि उन्होंने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की है।
29 अक्टूबर, 2021 को राहुल गांधी का बयान दर्ज कराने के लिए उन्हें हाजिर होने का आदेश दिया गया। कोर्ट के आदेश के बाद राहुल गांधी अदालत में पेश हुए।
7 मार्च, 2022 को शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पेश किए। जिसके बाद याचिका को खारिज करने के सूरत अदालत के आदेश को चुनौती देने के बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने इस सुनवाई पर रोक लगा दी।
मार्च 20, 2023 को सूरत की अदालत ने इस मानहानि मामले की सुनवाई पूरी की।
17 मार्च कोअदालत में मुकदमा समाप्त किया गया और 23 मार्च तक के लिए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
23 मार्च को कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और उन्हें भी जमानत दे दी, ताकि उसे लेकर वे उच्च न्यायालय जा सकें।
तो क्या अब 2024 का चुनाव लड़ सकेंगे राहुल गांधी
पीएम मोदी के सरनेम पर की गई टिप्पणी के बाद मानहानि के मामले में सूरत कोर्ट से सजा पाने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। बता दें कि राहुल गांधी केरल के वायनाड़ से सांसद थे और अब सदस्यता खत्म होने के बाद वे अब वे सांसद नहीं रहेंगे। राहुल गांधी के लिए अब तक का ये सबसे बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है। तो क्या राहुल गांधी 2024 में होने वाले लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे?
कानून के मुताबिक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में सांसद की अयोग्यता के संबंध में प्रावधान है कि आरपी अधिनियम की धारा 8 (3) के मुताबिक किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति को कम से कम दो साल के कारावास की सजा सुनाई जाने पर सजा की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा।
- दोषी व्यक्ति अपनी सजा काटने के बाद 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेगा।
- अधिनियम के तहत लोकसभा सचिवालय द्वारा राहुल गांधी को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब वायनाड की सीट भी खाली हो गई है।
- सजा मिलने के बाद उनकी रिहाई के बाद भी 6 साल तक उनकी सांसद की अयोग्यता जारी रहेगी, इसका मतलब है कि उन्हें कुल 8 साल के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है।