कुरुक्षेत्र (हरियाणा): कांग्रेस सासंद राहुल गांधी सतयुग, त्रेता और द्वापर से लेकर कलियुग तक के सभी अवतारों में फिट होने का दावा कर रहे हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा अब आध्यात्मिक टर्न ले रही है। कन्याकुमारी से मोहब्बत का संदेश लेकर निकले राहुल को उसी धरती पर अमर ज्ञान की प्राप्ति हुई है जहां भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया था। करनाल से लेकर अंबाला तक पिछले दो दिनों में राहुल हिंदू धर्म के दर्शन की बात करने लगे हैं। अब उनके बयानों में राम हैं, शिव हैं, कौरव हैं और पांडव भी हैं।
'महाभारत के समय की कौरव और पांडवों की लड़ाई, आज की लड़ाई हैं'
सोमवार को अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा के कुरुक्षेत्र में राहुल गांधी ने कहा कि हरियाणा ने बाकी सब प्रदेशों को दिखा दिया कि हरियाणा क्या है और क्या कर सकता है। राहुल ने कहा ये हरियाणा सदियों से देश को सिखा रहा है। महाभारत के समय जो कौरव और पांडवों की लड़ाई थी। वहीं आज की लड़ाई हैं। पांडव जो थे वो तपस्या करते थे। पांडवों ने इस धरती पर कभी नफरत नहीं फैलाई, किसी गरीब व्यक्ति के खिलाफ अपराध नहीं किया।
'पांडवों ने कभी नोटबंदी की क्या?'
केंद्र सरकार पर चुटकी लेते हुए राहुल ने कहा कि पांडवों ने कभी नोटबंदी की क्या? गलत GST लागू की थी क्या, वो कभी नहीं करते, क्योंकि वो जताते थे कि ये गलत नीति इस धरती के तपस्वियों से चोरी करने का तरीका है। एक तरफ पांच तपस्वी थे जिनके साथ सब धर्मों के लोग थे जैसे भारत जोड़ो यात्रा मोहब्बत की दुकान। पांडवों ने भी नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोली थी। दूसरी तरफ संगठन था। इक्कीसवीं सदी के कौरव खाकी हाफ पैंट पहनते हैं। हाथ में लाठी लेकर शाखा लगाते हैं। हिन्दुस्तान के कुछ सबसे अमीर अरबपति कौरवों के साथ खड़े हैं। हिन्दुस्तान की दो तीन शक्तियों ने नोटबंदी, जीएसटी लागू की। इन्होंने प्रधानमंत्री का हाथ चलाया। उस समय के अरबपति भी पांडवों के साथ नहीं खड़े थे, इसलिए उन्हें घर से निकाल दिया गया। उन्हें जंगल में रहना पड़ा। मगर उन पांडवों के साथ इस धरती के गरीब, मजदूर और छोटे दुकानदार खड़े थे। ये देश तपस्वियों का देश है।
'RSS के लोग कभी भी हर हर महादेव नहीं कहते'
कुरुक्षेत्र में कांग्रेस सांसद राहुल ने सोमवार को कहा, आरएसएस के लोग कभी भी 'हर हर महादेव' नहीं कहते क्योंकि भगवान शिव 'तपस्वी' थे और ये लोग भारत की 'तपस्या' पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने 'जय सिया राम' से देवी सीता को हटा दिया है। ये लोग भारत की संस्कृति के खिलाफ काम कर रहे हैं।