नई दिल्ली: गौतम अडानी मामले को लेकर सड़क से लेकर संसद तक घमासान मचा हुआ है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज फिर अडानी के बहाने मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अडानी मामले पर दूध का दूध, पानी का पानी होना चाहिए। राहुल ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि अडाणी मामले पर संसद में चर्चा हो क्योंकि वह ‘‘डरी हुई है।’’ उन्होंने कहा कि संसद में इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। अडाणी के पीछे कौन शक्ति है, देश को पता लगना चाहिए।
अडानी ग्रुप पर फर्जी लेनदेन, शेयर की कीमतों में हेरफेर के आरोप
अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा गौतम अडानी के नेतृत्व वाले ग्रुप पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद समूह के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट आई है। वहीं, अडानी ग्रुप ने कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना प्रकट करने संबंधी आवश्यकताओं का अनुपालन करता है। अडानी प्रकरण पर विपक्षी दल लगातार केंद्र को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि अडानी ग्रुप के शेयरों में हालिया गिरावट एक ‘घोटाला’ है जिसमें आम लोगों का पैसा शामिल है क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने उनमें निवेश किया है।
विपक्ष ने किया संसद में जमकर हंगामा
विपक्ष ने आज लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया है। इस वजह से लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियां कई तरह के सवाल उठा रही हैं। सपा सांसद रामगोपाल यादव ने इस मुद्दे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि अडानी के जो शेयर्स SBI और LIC ने खरीदे उसकी JPC के जरिए जांच हो। ये पैसा क्यों दिया गया, किन शर्तों पर दिया गया इसकी जांच होना जरूरी है। इन पर दबाव किसका था? जब तक JPC के जरिए जांच नहीं होगी तब तक इसका पता नहीं चलेगा इसलिए जांच होनी चाहिए।'
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'सरकार की पोल खुल गई है'
RJD सांसद मनोज झा ने कहा, 'देश का हर वर्ग चिंतित है लेकिन सरकार पर्दा डाल रही है। वे व्यक्ति विशेष (अडानी) कहते हैं, यह मुझ पर नहीं राष्ट्र पर हमला है, वह राष्ट्र कब से हो गए? हमारे राष्ट्र बापू हैं। किसी क्रोनी पूंजीपति के चरणों में पूरी साख रख दी जाए तो हम इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।' कांग्रेल सांसद केसी वेणूगोपाल ने कहा, 'हम ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) जांच चाहते हैं, सरकार हर चीज को छिपाना चाहती है। सरकार की पोल खुल गई है।'