नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जब से उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है, तभी से इस मामले पर जमकर विवाद देखने को मिला है। लोकसभा सचिवालय ने उन्हें नोटिस जारी किया है। सचिवालय के द्वारा जारी किए गए नोटिस में उन्हें 15 फरवरी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनकी टिप्पणी के संबंध में विशेषाधिकार हनन नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है।
'शांति और तहजीब से मोदी-अडानी के रिश्ते पर अपनी बात रखी थी'
अब उस नोटिस पर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है। राहुल ने कहा है कि उन्होंने संसद में कुछ भी गलत नहीं बोला है, लोग चाहे तो गूगल भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ''कुछ दिन पहले मैंने सदन में पीएम मोदी और अडानी के रिश्ते पर एक स्पीच दी थी। काफी शांति और तहजीब से मैंने अपनी बात रखी थी, कोई खराब भाषा का इस्तेमाल नहीं किया था। मेरी तरफ से सिर्फ कुछ तथ्य सामने रखे गए थे। मैंने बताया था कि कैसे अडानी पीएम के साथ विदेश दौरे पर जाते थे और फिर उन्हें बड़े कॉन्ट्रैक्ट मिल जाते थे। किस तरह से 30 फीसदी एयरपोर्ट ट्रैफिक अडानी द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है।''
'प्रधानमंत्री ने किया मेरा अपमान'
राहुल गांधी आज केरल में अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में हैं। राहुल ने प्रधानमंत्री मोदी पर अपमान करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री कहते हैं मेरे नाम में गांधी क्यों हैं, नेहरू क्यों नहीं। प्रधानमंत्री मोदी खुद को बहुत पावरफुल समझते हैं लेकिन एक दिन उनको सच्चाई का सामना करना ही पड़ेगा।
पीएम पर लगाया था क्रोनी कैपिटलिज्म का आरोप
बता दें कि इससे पहले राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री के अरबपति गौतम अडानी के साथ संबंध हैं। इस मामले को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा कांग्रेस सांसद को विशेषाधिकार हनन नोटिस भेजा गया था। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेने के दौरान राहुल ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री पर कई आरोप लगाए थे। इस दौरान कांग्रेस सांसद ने 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के सत्ता में आने के बाद व्यवसायी की संपत्ति में अचानक वृद्धि की ओर इशारा करते हुए अडानी के साथ पीएम मोदी के संबंधों पर सवाल उठाया था। राहुल ने प्रधानमंत्री पर 'क्रोनी कैपिटलिज्म' का आरोप लगाया था।
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10 फरवरी को जारी किया गया नोटिस
लोकसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, नोटिस में 7 फरवरी को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान 'भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और आपत्तिजनक बयान' देने के कारण कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जवाब मांगा गया है। 10 फरवरी को लिखे एक पत्र में सचिवालय ने राहुल गांधी से 15 फरवरी तक नोटिस पर अपना जवाब देने को कहा है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 8 फरवरी को स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। नोटिस में कांग्रेस नेता पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बिना किसी 'दस्तावेजी सबूत' के आरोप लगाने और 'सदन को गुमराह करने' का आरोप लगाया गया है।