राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सुरक्षा में चूक का मामला सामने आते ही रोक दी गई। इसके बाद राहुल गांधी इस यात्रा को बीच में ही छोड़कर खन्नाबल के लिए निकल गए। इस यात्रा के रोके जाने के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और खुद राहुल गांधी ने बड़ा बयान दिया है। जानिए उन्होंने शासन और प्रशासन पर क्या आरोप लगाया।दरअसल, रामबन जिले में बनिहाल से शुक्रवार को राहुल गांधी की पदयात्रा 9 बजे शुरू हुई थी। यात्रा का पड़ाव आज अनंतनाग था।
राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कश्मीर के काजीगुंड में सुरक्षा का हवाला देकर रोक दी गई। कांग्रेस ने कहा कि जब तक सुरक्षा नहीं मिलती, यात्रा आगे नहीं बढ़ेगी, हालांकि थोड़ी ही देर बाद यात्रा फिर शुरू हो गई। इस भारत जोड़ो यात्रा को जिस तरह सुरक्षा का हवाला देते हुए रोका गया है, उस पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शासन और प्रशासन पर कड़ा आरोप लगाया है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'राहुलजी की यात्रा में सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी थी? PM मोदी जब पंजाब गए थे तब वे गाड़ी में बैठे थे और कुछ लोगों ने नारेबाजी की थी। उस समय महाभारत हो गई थी तो आज पीएम मोदी चुप क्यों हैं? राहुल गांधी की यात्रा को सुनियोजित तरीके से रोकने की कोशिश की जा रही है।'
यात्रा रोके जाने पर जानिए राहुल गांधी ने क्या कहा?
वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी भारत जोड़ो यात्रा के रोके जाने पर सुरक्षा को लेकर शासन और प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है। राहुल गांधी ने कहा कि 'आज यात्रा के दौरान पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई। टनल से निकलने के बाद पुलिसकर्मी नहीं दिखे। मेरे सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि हम और नहीं चल सकते। मुझे अपनी यात्रा रोकनी पड़ी बाकी लोग यात्रा कर रहे थे। भीड़ को काबू करना प्रशासन की जिम्मेदारी है।'
उमर अब्दुल्ला भी भारत जोड़ो यात्रा में हुए शामिल
इससे पहले बनिहाल में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला भी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुए। राहुल की तरह ही सफेद टी-शर्ट पहने उमर ने कांग्रेस पार्टी के हजारों समर्थकों के साथ राहुल के साथ पदयात्रा में हिस्सा लिया। श्रीनगर से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बनिहाल पहुंचने के बाद उमर ने कहा, ‘भारत जोड़ो यात्रा का मकसद राहुल गांधी की छवि सुधारना नहीं, बल्कि देश के मौजूदा हालातों में बदलाव लाना है। हम किसी एक व्यक्ति की छवि के लिए नहीं, बल्कि देश की छवि के लिए इसमें हिस्सा ले रहे हैं।’