Highlights
- रघुपति राघव राजा राम गाने पर महबूबा मुफ्ती को तकलीफ
- महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन रहा है रघुपति राघव राजाराम
- महबूबा ने रघुपति राघव राजा राम को हिंदुत्ववादी एजेंडा बताया
Mehbooba Mufti on J&K School: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटाया जाना रास नहीं आ रहा है। तभी वह किसी ना किसी बहाने अक्सर भाजपा और मोदी सरकार पर हमले बोलती रहती हैं। इस बार महबूबा का दर्द भी अजीबोगरीब है। महबूबा मुफ्ता का आरोप है कि कश्मीर के कुछ स्कूलों में विद्यार्थियों को हिंदू भजन गाने के लिए निर्देश दिए जा रहे हैं, जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 'असली हिंदुत्व' एजेंडे को उजागर करता है।
महबूबा ने एक ट्वीट में कहा, “धार्मिक विद्वानों को जेल में डालना, जामा मस्जिद को बंद करना और यहां स्कूली बच्चों को हिंदू भजन गाने के लिए निर्देश देना, कश्मीर में भारत सरकार के वास्तविक हिंदुत्व एजेंडे को उजागर करता है। पीडीपी अध्यक्ष ने अपने आरोपों के संबंध में एक वीडियो साझा किया है, जिसमें स्कूल के कर्मचारी एक कक्षा में विद्यार्थियों को प्रसिद्ध भजन ‘रघुपति राघव राजा राम’ गाने के लिए कहते हुए दिखाई दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “विक्षिप्त हुक्मरानों को नकारना जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) को आमंत्रित करता है। यह वह कीमत है जो हम इस तथाकथित 'बदलता जम्मू-कश्मीर' के लिए चुका रहे हैं।”
गांधी जी का पसंदीदा भजन है रघुपति राघव राजाराम
महबूबा मुफ्ती जिस भजन को लेकर भाजपा और मोदी सरकार को घेरने का प्रयास कर रही हैं, वह भजन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पसंदीदा भजना था। यह महात्मा गांधी को इतना अधिक अच्छा लगता था कि रोज और दिन में कई बार वह इस भजन को गाते थे। सुबह और शाम यह भजन उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया था। ...रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम... गाने के बाद जो अनुभूति और ऊर्जा गांधी जी को प्राप्त होती थी वह अद्भुद थी। गांधी जी ने अपने लेखों में स्वयं कई जगह अपने इस भजन का जिक्र किया है। मगर अब महबूबा को यह भजन भी हिंदूवादी एजेंडा लग रहा है। इससे महबूबा की मंशा और उनके दर्द को समझा जा सकता है।
अनुच्छेद 370 के खिलाफ स्थानीय नागरिकों को भड़काती हैं महबूबा
महबूबा का असली चाल चरित्र और चेहरा इस बात से भी उजागर होता है कि वह जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ हैं। वह स्थानीय नागरिकों को भड़काने का कार्य भी कर रही हैं। महबूबा घूम-घूम कर सत्ता में आने पर 370 वापस लाने का झूठा दिलासा भी दे रही हैं। ताकि भारत के खिलाफ विद्रोह पैदा कर सकें। मगर अभी तक वह अपनी नापाक इरादे को सफल नहीं बना पाई हैं। इसलिए महबूबा परेशान हैं।