आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। विशेषाधिकार समिति की जांच रिपोर्ट आने तक राघव चड्ढा निलंबित रहेंगे। इस बीच आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने एक वीडियो के माध्यम से अपनी बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, 'इस सप्ताह मुझे विशेषाधिकार समिति से दो नोटिस मिले। विपक्ष को संसद में बोलने का मौका नहीं दिया गया। भाजपा मुझ पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि कोई भी सांसद किसी भी समिति के गठन के लिए नाम प्रस्तावित कर सकता है और जिस व्यक्ति का नाम प्रस्तावित है उसके हस्ताक्षर या लिखित सहमति की आवश्यकता नहीं है।'
राघव चड्ढा ने जारी किया वीडियो
बता दें कि राघव चड्ढा पर कई सांसदों ने फर्जी हस्ताक्षर का आरोप लगाया था। साथ ही आम आदमी पार्टी के दूसरे सांसद संजय सिंह के सस्पेंशन को भी बढ़ा दिया गया है। संजय सिंह भी विशेषाधिकार समिति का फैसला आने तक राज्यसभा की कार्रवाई में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। बता दें कि 7 अगस्त को राज्यसभा में दिल्ली सर्विस बिल पास किया गया था। इस दौरान राघवल चड्ढा ने इस बिल को सिलेक्ट कमेट के पास भेजना का प्रस्ताव भेजा। इस कमेट के लिए कुछ सांसदों के नामों का भी प्रस्ताव दिया लेकिन 5 सांसदों ने कहा कि राघव चड्ढा ने बिना उनकी सहमति के उनका नाम लिया जो कि गलत है।
फर्जी हस्ताक्षर का है मामला
इस दौरान यह भी दावा किया गया कि चड्ढा द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर 5 सांसदों के हस्ताक्षर थे लेकिन सांसदों का कहना था कि उन्होंने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किया। इसके बाद गृहमंत्री अमित शाह ने इस मामले को राज्यसभा में उठाया। इसके बाद इस मामले की जांच की मांग की गई जिसके बाद सदन की विशेषाधिकार समिति ने राघव चड्ढा को लीगल नोटिस भेजा। राघव चड्ढा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया। उन्होंने भाजपा नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि जिस कागज पर उन्होंने फर्जी हस्ताक्षर किए थे वो कागज लेकर आएं।