चंडीगढ़: पंजाब सरकार नशीले पदार्थों के इस्तेमाल को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर विचार कर रही है, जिससे कम मात्रा में नशीले पदार्थों के साथ पकड़े गए लोगों को जेल नहीं बल्कि नशामुक्ति केंद्रों में भेजा जा सके। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह बुधवार को ये जानकारी दी।
उन्होंने कहा, 'इसका मतलब यह नहीं है कि नशीले पदार्थों को वैध कर दिया जाएगा। नशीले पदार्थ के तस्करों से सख्ती से निपटा जाएगा।' एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि सिंह ने उनके विभाग द्वारा आयोजित 'पंजाब में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों और निवारण पर विशेषज्ञों की बैठक' में यह बात कही।
पीड़ितों को इलाज और पुनर्वास के लिए नशामुक्ति केंद्रों में भेजा जाएगा
बैठक में सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री बलजीत कौर भी शामिल हुईं। सिंह ने कहा, 'इस नीति के तहत नशा करने वालों या मादक पदार्थों की कम मात्रा के साथ पकड़े गए लोगों को जेलों में डालने के बजाय इलाज और पुनर्वास के लिए नशामुक्ति केंद्रों में भेजा जाएगा।'
उन्होंने कहा, 'अपराध की श्रेणी से बाहर करने का मतलब यह नहीं है कि मादक पदार्थ वैध हो जाएंगे, वे अवैध बने रहेंगे।' (इनपुट: भाषा)
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