BJP के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने राज्यसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का प्रस्ताव पेश किया है। किरोड़ी लाल मीणा ने बतौर 'प्राइवेट मेंबर बिल' को पेश किया है। मीणा के सदन में यह प्रस्ताव रखते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। समाजवादी पार्टी, CPIM, NCP समेत कई विपक्षी सांसदों के विरोध के चलते सभापति जयदीप धनखड़ को हस्तक्षेप करना पड़ा। सभापति ने विपक्षी सांसदों को भरोसा दिलाया कि सदन में प्रत्येक कार्यवाही तय नियमों के तहत की जाएगी। उन्होंने विपक्षी सांसदों से चर्चा में भाग लेने और अपना मत व्यक्त करने का अनुरोध किया।
सदन में बिल को लेकर हुआ हंगामा
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव यूनिफॉर्म सिविल कोड पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मुसलमानों में चचेरी बहन से शादी करना अच्छा माना जाता है, लेकिन हमारे में हिंदुओं में इसे बुरा माना जाता है, ऐसी स्थिति में सरकार समान नागरिक संहिता कैसे लागू कराएगी। समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा कि सरकार ऐसे प्रावधानों को एक समान बनाने के लिए किस ओर से शुरूआत करेगी। भाजपा सांसद के इस प्राइवेट मेंबर बिल के खिलाफ राज्यसभा सांसद वायको, अब्दुल वहाब, विकास रंजन भट्टाचार्य, एए रहीम समेत कई सांसदों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए नोटिस दिया।
यूनिफॉर्म सिविल कोड एक तरह का इनटोलरेंस है
केरल से आईयूएमएल के राज्यसभा सांसद अब्दुल वहाब ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड को किसी भी हालत में इंडिया में लागू नहीं किया जा सकता। वहाब ने राज्यसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि यह एक और इनटोलरेंस है, इसे न होने दिया जाए। वहीं इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट का समर्थन करते रहे। हंगामे की स्थिति उत्पन्न होने पर सभापति ने फिर से हस्तक्षेप करते हुए सभी सदस्यों को अपनी बारी आने पर ही बोलने का आग्रह किया।
किरोड़ी लाल मीणा को यह प्रस्ताव वापस लेने का निर्देश दें सभापति
वहीं केरल के एक अन्य राज्य सभा सांसद CPIM के इलामाराम करीम ने सभापति से कहा कि सभापति को किरोड़ी लाल मीणा को यह प्रस्ताव वापस लेने का निर्देश देना चाहिए क्योंकि इससे देश की विविधता नष्ट होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से चीजें थोपी नहीं जानी चाहिए।