President Election: पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस नेता यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को पार्टी छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि अब वह वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए काम करेंगे। कई दिनों से ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनका नाम आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में पेश करेंगी। गौरतलब है कि पूर्व नौकरशाह और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रह चुके यशवंत सिन्हा ने इस साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
यशवंत सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘‘ममता जी ने जो सम्मान मुझे तृणमूल कांग्रेस में दिया, मैं उसके लिए उनका आभारी हूं। अब समय आ गया है जब वृहद विपक्षी एकता के व्यापक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से अलग होना होगा। मुझे यकीन है कि वह (ममता) इसकी अनुमति देंगी।’’ उनसे जब राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह अपने ट्वीट से अधिक कुछ नहीं बोल सकते हैं।
बता दें कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के वास्ते अपने संयुक्त उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए विपक्षी दलों की एक और बैठक होने वाली है। बीते दिनों दिल्ली में ममता बनर्जी की अगुवाई में विपक्षी दलों की बैठक हुई थी। इस दौरान विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए शरद पवार, फारूख अब्दुल्ला और गोपालकृष्ण गांधी का नाम सुझाया गया था।
हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मीटिंग के दौरान ही इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था, तो वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला ने भी अपना नाम वापस ले लिया है। अब पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने भी आगामी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।