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President Election: विपक्ष की बैठक मंगलवार को, सामने आ सकता है यशवंत सिन्हा का नाम

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी यशवंत सिन्हा ने पहले अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय वित्तमंत्री और फिर विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था। उन्होंने 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले 2018 में भाजपा छोड़ दी। उन्हें पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

Written by: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : June 20, 2022 23:40 IST
Yashwant Sinha
Image Source : PTI Yashwant Sinha

Highlights

  • शरद पवार ने मंगलवार को दिल्ली में बैठक बुलाई है
  • यशवंत सिन्हा हो सकते हैं गैर-भाजपा दल के उम्मीदवार
  • सिन्हा ने 2021 में टीएमसी में शामिल होने से पहले 2018 में छोड़ी थी भाजपा

President Election: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को दिल्ली में बैठक बुलाई है, जिसमें पूरी संभावना है कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी (TMC) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव रखेगी। मंगलवार को पवार द्वारा बुलाई गई बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जगह उनके भतीजे और तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। तृणमूल कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, "राष्ट्रपति चुनाव के लिए संभावित विपक्षी उम्मीदवार के रूप में यशवंत सिन्हा के नाम का प्रस्ताव करने के लिए कुछ दलों से प्रस्ताव आए हैं। हालांकि, सब कुछ मंगलवार की बैठक की कार्यवाही पर निर्भर करेगा और बैठक में अन्य दलों द्वारा सुझाए गए नामों पर निर्भर करेगा।"

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सिन्हा ने पहले अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय वित्तमंत्री और फिर विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था। उन्होंने 2021 में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले 2018 में भाजपा छोड़ दी। उन्हें पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

पहले ये नेता कर चुके हैं इनकार

15 जून को तृणमूल ने दिल्ली में विपक्ष की बैठक बुलाई थी, जिसमें सर्वसम्मति से विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में शरद पवार का नाम प्रस्तावित किया गया था। हालांकि, पवार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। ममता बनर्जी ने तब नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नामों को दो संभावित नामों के रूप में प्रस्तावित किया था। हालांकि, अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण, दोनों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते राष्ट्रीय राजधानी में 22 गैर-भाजपा दलों की ऐसी बैठक बुलाई थी। उनमें से सत्रह ने इसमें भाग लिया। बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव में संभावित संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में पवार, अब्दुल्ला और गांधी को प्रस्तावित किया लेकिन उन्होंने अनुरोध स्वीकार नहीं किया। इसके बाद सिन्हा का नाम सामने आया।

यशवंत सिन्हा ने दो बार केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया था - एक बार 1990 में चंद्रशेखर कैबिनेट में और फिर वाजपेयी मंत्रालय में। उन्होंने वाजपेयी कैबिनेट में विदेश मंत्रालय का पोर्टफोलियो भी संभाला। चुनाव की प्रक्रिया 15 जून से शुरू हुई थी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 29 जून है। यदि आवश्यक हुआ तो चुनाव 18 जुलाई को और मतगणना 21 जुलाई को होगी।

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