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President Election: सांसदों को मिलेंगे हरे रंग के मतपत्र, विधायकों को गुलाबी, जानें डिटेल

President Election : सांसदों को जहां हरे रंग के मतपत्र दिए जाएंगे, वहीं विधायकों को गुलाबी रंग के मतपत्र मिलेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में विधायकों का वोट उस राज्य की आबादी पर निर्भर करता है।

Edited By: Niraj Kumar
Updated on: July 15, 2022 17:10 IST
President Election 2022- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO President Election 2022

Highlights

  • राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग
  • इस बार एक सांसद के वोट की कीमत 700 है
  • काउंटिंग में सुविधा के लिए अलग-अलग रंग के बैलेट पेपर

President Election : देश में होनेवाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग होगी। वोटिंग के दौरान सांसदों (MPs) और विधायकों (MLAs) को अलग-अलग रंग के मतपत्र (Ballot paper ) दिए जाएंगे। सांसदों को जहां हरे रंग के मतपत्र दिए जाएंगे, वहीं विधायकों को गुलाबी रंग के मतपत्र मिलेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में विधायकों का वोट उस राज्य की आबादी पर निर्भर करता है, जिसका वह प्रतिनिधित्व करते हैं। इस बार एक सांसद के मत की कीमत 700 है। चूंकि अलग-अलग रंग के मतपत्र होंगे, लिहाजा निर्वाचन अधिकारियों को मतों की गिनती में आसानी होगी।

मतपत्र में दो कॉलम

  1. पहले कॉलम में उम्मीदवारों के नाम
  2. दूसरे कॉलम में वरीयताक्रम की जगह

द्रौपदी मुर्मू एनडीए की उम्मीदवार

मतपत्रों में दो कॉलम छपे हुए हैं। पहले कॉलम में उम्मीदवारों के नाम हैं तो दूसरे में निर्वाचक मंडल के सदस्यों को प्रत्येक उम्मीदवार के लिए वरीयता क्रम लिखने की जगह निर्धारित की गई है। इस बार के राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की उम्मीदवार हैं, तो विपक्ष की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को संयुक्त उम्मीदवार बनाया गया है। 

राष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और दिल्ली तथा केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित सभी राज्यों की विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य होते हैं। राज्यसभा और लोकसभा या राज्यों की विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं हैं, इसलिए, वे चुनाव में भाग लेने के हकदार नहीं होते। इसी तरह, विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाता नहीं होते हैं।

खास बातें

  1. मतदान संसद भवन और राज्यों की विधानसभाओं में होता है
  2. वोटों की गिनती संसद भवन में होती है
  3. इस बार सांसदों के वोटों का मूल्य घटकर 700 हुआ
  4. विधायकों के मूल्य राज्यों के अनुसार अलग-अलग होते हैं

संसद भवन में होती है काउंटिंग

राष्ट्रपति चुनाव में मतदान संसद भवन और राज्यों की विधानसभाओं में होता है। मतों की गिनती संसद भवन में होती है। इस बार मतगणना 21 जुलाई को होगी। जम्मू कश्मीर में विधानसभा नहीं होने की वजह से इस बार सांसदों के मतों का मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है। राज्यों में विधायकों के मतों के मूल्य अलग-अलग हैं। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधायक का राष्ट्रपति चुनाव में मत मूल्य अन्य किसी राज्य के विधायक से अधिक है। उत्तर प्रदेश के विधायकों के मत का मूल्य 208 है, जबकि झारखंड और तमिलनाडु के विधायकों का मूल्य 176 है। महाराष्ट्र में यह 175, सिक्किम में सात, नगालैंड में नौ और मिजोरम में आठ है। मुर्मू अगर यह चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बन जाती हैं, तो स्वतंत्रता के बाद जन्मी इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली नेता होंगी। वह देश की पहली आदिवासी और सबसे युवा राष्ट्रपति भी होंगी। 

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