चुनाव रणनीतिकार और जन सुराज पार्टी के को-ऑर्डिनेटर प्रशांत किशोर ने लोकप्रिय शो आप की अदालत में इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों पर खुलकर जवाब दिए। इस दौरान उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि 'अबकी बार, 400 पार' का नारा कैसे भारतीय जनता पार्टी और एनडीए पर उल्टा पड़ गया। वहीं, विपक्ष इसका फायदा उठाने में सफल रहा। उन्होंने कांग्रेस को दोबारा जीवित करने के लिए राहुल गांधी की सराहना भी की। इसके साथ ही यह भी साफ किया कि भारत जैसे देश में विपक्ष कभी कमजोर नहीं हो सकता।
प्रशांत किशोर ने माना कि इस बार बीजेपी के 300 लोकसभा सीटें जीतने का उनका आकलन गलत साबित हुआ। उन्होंने कहा, 'राजनीतिक आकलन करने वाले भगवान नहीं होते।'
400 पार का नारा अच्छा था, लेकिन भुनाया विपक्ष ने
यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी ने 'अब की बार, 400 पार' का नारा देकर गलती की है, प्रशांत किशोर ने जवाब दिया: 'नारा तो अच्छा था, लेकिन इसे बीजेपी ने नहीं, बल्कि विपक्ष ने पूरा किया। विपक्ष यह दिखाने में सफल रहा कि बीजेपी संविधान में संशोधन करने और जातिगत आरक्षण को समाप्त करने के लिए 400 सीटें चाहती है। इसका सारा श्रेय विपक्ष को जाता है। बीजेपी के कुछ बड़बोले नेताओं ने भी कहा कि पार्टी 400 सीटें जीतने के बाद संविधान बदल देगी।"
2009 चुनावों का जिक्र
प्रशांत किशोर ने 2009 लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा "उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के राष्ट्रीय नेता थे। 2009 में गुजरात में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मोदी के समर्थकों ने आडवाणी के अभियान को नुकसान पहुंचाया। जो संदेश गया वह यह था कि अगर आडवाणी जीत गए, तो हमारे नेता मोदी को पीएम बनने में अधिक समय लगेगा। शायद इस बार उत्तर प्रदेश में यही हुआ हो।"
केजरीवाल के बयान की अहमियत
प्रशांत किशोर ने कहा, 'कुछ लोगों को लगा कि अगर नरेंद्र मोदी और अमित शाह भारी बहुमत से जीत गए तो योगी की कुर्सी चली जाएगी। उस समय केजरीवाल ने योगी के बारे में जो कहा, वह सही साबित हुआ। बिहार में भी मेरी पदयात्रा के दौरान लोगों ने मुझसे पूछा कि अगर बीजेपी 400 सीटें जीत गई तो क्या योगी को हटा दिया जाएगा। ऐसा नहीं है कि योगी ने अपने समर्थकों से बीजेपी उम्मीदवारों को हराने के लिए कहा हो। यह मेरा विषय नहीं है और मैं आमतौर पर ऐसे मामलों पर नहीं बोलता। लेकिन योगी के समर्थकों के बीच संदेश जरूर गया।'