कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता व देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नाम से सभी वाकिफ हैं। प्रणब मुखर्जी ने एक डायरी लिखी थी, जिसपर उनकी बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक किताब तैयार की। इस किताब को लेकर हर तरफ चर्चा है जिसपर शर्मिष्ठा मुखर्जी से इंडिया टीवी ने खास बातचीत की। इस बातचीत के दौरान शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि मेरे पिता को डायरी लिखने की पुरानी आदत थी। ये सभी लोग जानते थे। मेरे पिता राष्ट्रपति 5 साल रहे, लेकिन इससे पहले उनका राजनीतिक जीवन लंबा रहा, जिसमें उन्होंने कई प्रधानमंत्रियों के अधीन काम किया और फिर राष्ट्रपति बनने के बाद उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी के साथ काम करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने एक ही शर्त रखी थी कि मैं ये डायरी तभी पढ़ूंगी जब वो इस दुनिया में नहीं रहेंगे। उन्होंने डायरी का हवाला देते हुए बताया कि इंदिरा गांधी मेरे पिता की मेंटर थीं। वहीं पीएम मोदी को लेकर उन्होंने कहा कि वो ये मानते थे कि पीएम मोदी में लोगों की नब्ज को समझने की जबरदस्त क्षमता है।
प्रणब मुखर्जी के पैर छूते थे पीएम नरेंद्र मोदी
उन्होंने अपने पिता का हवाला देते हुए बताया कि मेरे पिता के मुताबिक इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी में ही यह क्षमता दिखी है। पीएम नरेंद्र मोदी की राजनीतिक समझ काफी तेज है और कमाल के राजनेता हैं। शर्मिष्ठा ने इस बातचीत में कहा कि राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की विचारधारा राष्ट्रवादी है। मुझे नहीं लगता कि इसपर कोई सवाल करना चाहिए। उन्होंने एक किस्से का जिक्र करते हुए कहा कि जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मेरे पिता राष्ट्रपति थे। लेकिन जब भी पीएम मोदी प्रणब मुखर्जी से निजी तौर पर मिलते थे तो वो उनके पैर छूते थे। पीएम मोदी प्रणब मुखर्जी को काफी पहले से जानते थे और दिल्ली में मॉर्निंग वॉक के दौरान दोनों टकराते थे और रोजाना वो प्रणब मुखर्जी के पैर छूते थे। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के बीच अधिकारिक तौर पर मुलाकात होती है। हालांकि इस दौरान भी निजी तौर पर प्रधानमंत्री बनने के बावजूद पीएम मोदी प्रणब मुखर्जी के पैर छूते थे। साल 2019 में चुनाव जीतने के बाद जब वो हमारे घर आए थे तब उन्होंने मेरे पिता के पैर छुए और आशीर्वाद लिया।
सोनिया गांधी नहीं चाहती थीं कि प्रणब मुखर्जी बनें प्रधानमंत्री
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आगे कहा कि डायरी के मुताबिक पिता प्रणब मुखर्जी ने लिखा कि जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले मिलने आए तो उन्होंने कहा कि हम दोनों की विचारधारा अलग है। सरकार चलाने में मैं दखलअंदाजी नहीं करूंगा, लेकिन अगर आपको सहयोग चाहिए तो मैं आपको पूरी तरह से सहयोग करूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की जानकारी पीएम मोदी ने दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दादा के द्वारा ये कहना मेरे लिए बड़ी बात है। प्रणब दा की बेटी ने कहा कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ही अलग विचारधारा के थे, लेकिन दोनों के बीच एक सहयोगात्मक और अच्छा रिश्ता बना रहा। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रणब दा अच्छे तरीके से जानते थे कि उन्हें सोनिया गांधी प्रधानमंत्री नहीं बनाएंगी, उनके स्थान पर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया जाएगा।