कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को पार्टी के विधायकों से सार्वजनिक बयानबाजी से बचने की अपील की। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी आलाकमान ने विधायकों से यह भी कहा है कि वे जो भी निर्णय लें, उसका पालन करें। यह संदेश कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक में दिया गया, जो सोमवार शाम को आयोजित हुई थी। बैठक में कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और जयराम रमेश भी मौजूद थे।
नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर दी थी राय
सूत्रों के अनुसार, यह निर्देश खासतौर पर उस वक्त दिया गया जब पार्टी के कई विधायकों और मंत्रियों ने नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से अपनी राय दी थी। कुछ विधायकों ने नेतृत्व परिवर्तन की संभावना का संकेत दिया है, जबकि कुछ ने इसे नकारते हुए इसे पूरी तरह से खारिज कर दिया है। इस घटनाक्रम ने कांग्रेस पार्टी के भीतर राजनीति और सत्ता के संभावित बदलाव को लेकर चर्चाओं का माहौल बना दिया है।
रात्रिभोज के बाद सत्ता बदलाव की अटकलें तेज
हालांकि, हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की ओर से मंत्री सतीश जरकीहोली के आवास पर आयोजित रात्रिभोज में अपने चुनिंदा दलित और अनुसूचित जनजाति मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ की गई मुलाकात के बाद कांग्रेस के भीतर यह चर्चा तेज हो गई है कि मार्च में राज्य बजट के बाद प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो सकता है। खासकर, इस बारे में यह बात उठ रही है कि पार्टी के भीतर एक 'दूसरे मुख्यमंत्री' या 'सत्ता-साझाकरण' फार्मूले के तहत यह बदलाव हो सकता है।
बारी-बारी मुख्यमंत्री बनाए जाने की भी चर्चा
इसके साथ ही, एक अन्य खबर भी सामने आई थी कि 2023 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर एक समझौता हुआ था, जिसके अनुसार सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनाया जाना था। यह स्थिति कर्नाटक की राजनीतिक बिसात पर एक नई दिशा की ओर इशारा कर रही है और पार्टी में भविष्य में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। (भाषा इनपुट के साथ)
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