भुवनेश्वर: ओडिशा के खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री के सी पात्रा ने राज्य में मौजूदा आलू संकट के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि वह ओडिशा की भाजपा सरकार को बदनाम करने के लिए कृत्रिम कमी पैदा कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ओडिशा सरकार को बदनाम करने के लिए कृत्रिम कमी पैदा की गई। हाल में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने ओडिशा में आलू की आपूर्ति बंद कर दी थी। बाद में वह इसे बहाल करने पर सहमत हो गई थीं।’’
इस संकट से निपटने के तौर-तरीके को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच पात्रा ने कहा, ‘‘मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि वह (पश्चिम बंगाल सरकार) यह क्यों कर रही है। यह स्पष्ट है कि जब बाजार में कम आपूर्ति होगी तो दाम बढेंगे।’’ यह पूछे जाने पर कि यह संकट कब तक रहेगा, पात्रा ने कहा, ‘‘फिलहाल ओडिशा में आलू का पर्याप्त भंडार है तथा दाम अपने आप नीचे आ जाएंगे।’’ हालांकि विपक्षी बीजू जनता दल के विधायक गौतम बुद्ध ने पात्रा की टिप्पणी की आलोचना की और उन पर जिम्मेदारी से बचने का आरोप लगाया।
बुद्ध ने कहा, ‘‘मंत्री लोगों की आलू की ज़रूरतों को पूरा करने में सरकार की विफलता पर पर्दा डालने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। सच्चाई यह है कि लोग परेशान हैं।’’ स्थानीय बाज़ारों में आलू की कीमतें 35-40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाने के बाद 28 नवंबर को पश्चिम बंगाल सरकार ने आलू के निर्यात पर रोक लगा दी जिसके बाद ओडिशा में आलू की भारी कमी हो गई है। इस रोक के फलस्वरूप आलू लेकर ओडिशा जा रहे सैकड़ों ट्रक सीमा से लौट गए। इससे ओडिशा के बाजारों में अफरातफरी उत्पन्न हो गई और आलू के दाम 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए। पात्रा ने आश्वासन दिया कि यदि पश्चिम बंगाल सरकार फिर आपूर्ति रोकती है तो ओडिशा सरकार उत्तर प्रदेश एवं पंजाब से आलू मंगाएगी। उन्होंने कहा कि ओडिशा आलू के वास्ते अपने पड़ोसी राज्य पर काफी निर्भर है।