![Smriti irani slams mamta banerjee](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
West Bengal Politics: सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने रामनवमी समारोह के दौरान हावड़ा में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर वाकयुद्ध छिड़ गया है। रामनवमी जुलूस के दौरान हावड़ा में भड़की हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने इसकी जांच आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दी है। जिले में पथराव और हिंसा की ताजा घटनाओं के बाद शुक्रवार को हावड़ा में धारा 144 लागू कर दी गई थी। हावड़ा के जिला मजिस्ट्रेट मुक्ता आर्य ने शुक्रवार को एक आदेश में कहा कि हावड़ा, शिबपुर, संतरागाछी, दासनगर, सलकिया, मालीपंचघोरा और जगाचा क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
डीएम ने कहा कि हिंसा के मद्देनजर हावड़ा के कुछ इलाकों में शनिवार दोपहर 2 बजे तक इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं हैं। हावड़ा डीएम ने दूरसंचार, इंटरनेट और केबल सेवा प्रदाताओं को क्षेत्र में हुई हिंसा के मद्देनजर उत्तेजक संदेशों और वीडियो को प्रतिबंधित करने के लिए नोटिस जारी किया है। बता दें कि ममता बनर्जी सरकार ने हावड़ा हिंसा की जांच सीआईडी को सौंपी है और पुलिस महानिरीक्षक सीआईडी सुनील चौधरी के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने जांच शुरू कर दी है।
हावड़ा हिंसा को लेकर गरमाई सियासत
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर पथराव करने वालों को बचाने का आरोप लगाया है और कहा है कि हावड़ा में रामनवमी के जुलूस के दौरान पथराव हुआ और इसके बाद ममता बंदोपाध्याय (बनर्जी) ने पत्थरबाजों को क्लीन चिट दे दी। ऐसे में सवाल यह है कि ममता बंदोपाध्याय कब तक हिंदू समुदाय पर हमला करती रहेंगी...। एक बयान में, स्मृति ईरानी ने कहा कि यह पहली बार नहीं था कि हिंदू धर्म की धार्मिक आस्था पर इस तरह का "हमला" हुआ, इससे पहले लक्ष्मी पूजा के दौरान इसी तरह का हमला हुआ था।
स्मृति ईरानी ने कहा, "इतना सबकुछ होता रहा है फिर भी ममता बनर्जी हिंदू समुदाय की रक्षा नहीं कर सकीं।" “न्याय देने के बजाय, सीएम ममता ने कानून हाथ में लेने वालों की रक्षा की, उनकी रक्षा की जिन्होंने रामनवमी की शोभा यात्रा पर हमला किया। उन्हें सजा देने की बजाय उन्होंने यात्रा निकालने वालों को ही कटघरे में खड़ा किया और पथराव करने वालों को क्लीन चिट दे दी।
उनके इस बयान पर ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि रामनवमी के जुलूस के दौरान हावड़ा के काजीपारा इलाके में हुई हिंसा के पीछे न तो हिंदू और न ही मुसलमान थे, बल्कि भाजपा और अन्य दक्षिणपंथी संगठन के लोग शामिल थे। उन्होंने दोनों समुदायों के लोगों से इलाके में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की भी अपील की। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि ये सारी बयानबाजी राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है। ये सब समाज का ध्रुवीकरण करने की भाजपा की साजिश है।
राज्य में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि हिंसा ममता बनर्जी सरकार की कथित तुष्टिकरण की राजनीति का परिणाम थी जो "राष्ट्र-विरोधी ताकतों" पर लगाम लगाने में विफल रही। अधिकारी ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर मामले की एनआईए जांच कराने और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती की मांग की।
इसपर, तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि भगवा खेमे द्वारा शांति और सद्भाव को भंग करने के दीर्घकालिक प्रयास के तहत पुलिस की अनुमति के बिना जुलूस निकाला गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि खुफिया जानकारी से पता चलता है कि काजीरापा में हिंसा भाजपा द्वारा रची गई एक गहरी साजिश थी जो लोगों को राजनीतिक लाभ के लिए धर्म के आधार पर विभाजित करना चाहती है।
इस बीच दोनों राजनीतिक पक्षों ने सबूत के तौर पर वीडियो शेयर कर यह दिखाया है कि हावड़ा में हुई हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है।
गृहमंत्री अमित शाह ने लिया संज्ञान
घटना को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से बात की और हावड़ा के हालात का जायजा लिया। शाह ने पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से भी बात की और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
गुरुवार को रामनवमी के जश्न के बीच हावड़ा में दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प में कई वाहनों में आग लगा दी गई। जुलूस के दौरान दंगाइयों ने सार्वजनिक और निजी संपत्तियों में तोड़फोड़ की और वाहनों में आग लगा दी थी।
ये भी पढ़ें: