जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही जंग अभी खत्म ही हुई थी कि अब शायद जंग का एक नया द्वार खुल गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार देर रात को मंत्रिमंडल में अपने सहयोगी राजेंद्र सिंह गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया। उनके इस फैसले के बाद प्रदेश में बयानों और प्रतिक्रियाओं का तूफान सा आ गया। बीजेपी ने गहलोत के इस कदम की निंदा की है। बीजेपी ने कहा कि अशोक गहलोत को सच स्वीकार नहीं हुआ।
सच बोलना गुनाह तो मैं यह गुनाह करूंगा- गुढ़ा
मंत्री पद से हटाए जाने के बाद राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मैंने सीएम के सामने सच बोल दिया। यह बात उन्हें पसंद नहीं आई। उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के खिलाफ प्रदेश में अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं। यह बात बिलकुल झूठ नहीं है। गुढ़ा ने कहा कि अगर सच बोलना अपराध है तो मैं यह अपराध बार-बार करता रहूंगा। वहीं इस कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करेंगे, जिसमें वह कुछ बड़े ऐलान भी कर सकते हैं।
सच्चाई सीएम गहलोत को पसंद नहीं आई- राजेंद्र राठौड़
वहीं गुढ़ा को बर्खास्त करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने भी कांग्रेस और गहलोत पर हमला बोला है। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने अपनी बात विधानसभा में रखी कि महिला दुष्कर्म राजस्थान की सरकार को शर्मसार करता है। उसके बाद उन्हें बर्खास्त किया गया। अशोक गहलोत नाराजगी इस बात पर है कि राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने कैसे कह दिया कि महिला दुष्कर्म में राजस्थान एक नंबर पर है।
सीएम साहब में सत्य स्वीकार कर पाने का साहस नहीं- गजेन्द्र सिंह शेखावत
वहीं केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि गहलोत राज में सच बोलना मना है। सत्य स्वीकार कर पाने का साहस नहीं है सीएम साहब में। उनके मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में सच कह दिया तो गहलोत जी को इतना बुरा लगा कि उन्हें पद से ही हटा दिया। शेखावत ने कहा कि गहलोत साहब ने इस तरह अपने साथियों को चेतावनी दी है, सच बोलोगे तो बख्शे नहीं जाओगे। अपने ही साथियों को डराना, उनका मुंह सी देना, इसे भी तो दमन कहेंगे।
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