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'PM मोदी खेत में जाकर जारी करेंगे उन्नत बीजों की किस्में', कृषि मंत्री शिवराज का बड़ा ऐलान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ICAR के खेतों में जाएंगे और अलग-अलग तीन स्थानों पर जाकर एक स्थान पर बागवानी और दो जगह फसलों के बीजों की किस्मों को रिलीज करेंगे।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: August 10, 2024 22:21 IST
Shivraj Singh Chouhan, Narendra Modi, ICAR, ICAR Seeds- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान।

भोपाल: केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को सुबह 11 बजे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यानी कि ICAR द्वारा विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के लिए विकसित किए गए 109 बीजों की किस्मों को जारी करेंगे। चौहान ने शनिवार को बताया कि इनमें अनाज की 23 किस्में, चावल की 9, गेहूं की 2, जौ की एक, मक्का की 6, ज्वार की एक, बाजरा की एक, रागी की एक, चीना की एक, सांबा की एक, अरहर की 2, चना की 2, मसूर की 3, मटर की एक, मूंग की 2, तिलहन की 7, चारा और गन्ना की 7-7, कपास की 5, जूट की एक और बागवानी की 40 किस्में शामिल हैं।

‘प्रधानमंत्री खेत में किसानों से चर्चा करेंगे’

शिवराज सिंह चौहान ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘बीजों को रिलीज करने का कोई बड़ा फंक्शन नहीं होगा। प्रधानमंत्री जी ने तय किया है कि वह खेत में ही जाकर फसलों को रिलीज करेंगे, किसानों से चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री जी ICAR के खेतों में जाएंगे, और अलग-अलग तीन स्थानों पर जाकर एक स्थान पर बागवानी और दो जगह फसलों के बीजों की किस्मों को रिलीज कर किसानों के लिए समर्पित करेंगे।’ चौहान ने कहा कि इस साल 2,625 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया गया है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के कारण उर्वरक ले जाने वाले जहाजों को लंबा और अधिक समय लेने वाला रास्ता अपनाना पड़ता है।

‘यूपीए सरकार में 27 हजार करोड़ था बजट’

कृषि मंत्री ने आगे कहा, ‘देश के वैज्ञानिकों ने शोध कर धान की ऐसी किस्म खोजी है, जो अधिक उत्पादन देती है और इसे 20 प्रतिशत कम पानी की जरूरत होती है। कीटों का प्रकोप कम करने के लिए भी प्रयास किए गए हैं। प्रयोगशाला से लेकर खेत तक विज्ञान सीधे किसान तक पहुंचना चाहिए। यूपीए की सरकार में कृषि बजट 27,000 करोड़ रुपये हुआ करता था, जो अब संबद्ध क्षेत्रों सहित 1.52 लाख करोड़ रुपये का हो गया है। पिछले साल उर्वरकों पर 1.95 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी। इस साल 1.70 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रावधान है, जो खपत बढ़ने पर और बढ़ जाएगी।’

‘किसान सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता’

चौहान ने कहा कि विशेष पैकेज की घोषणा यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि किसानों पर बोझ न पड़े। उन्होंने कहा, ‘कृषि अर्थव्यवस्था का करीब 17 फीसदी हिस्सा है, जबकि यह करीब 50 फीसदी आबादी को रोजगार देता है। किसान न केवल सबसे बड़ा उत्पादक है, बल्कि सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा है। जब किसान कुछ खरीदता है, तो उससे GDP बढ़ती है। PM के लिए किसान सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। केन्द्र सरकार उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने के साथ-साथ उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए काम कर रही है।’

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