नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए की बैठक में अपने संबोधन में विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा और उनकी एकजुटता को सत्ता की मजबूरी बताया। उन्होंने राजधानी दिल्ली के अशोका होटल में एनडीए की बैठक के आखिर में अपना भाषण दिया। पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए एक पॉजिटिव फोर्स है और हमारा एजेंडा, हमारी भावना और हमारा रास्ता पॉजिटिव है। सरकारें बहुमत से बनती हैं लेकिन देश सबके प्रयास से चलता है। आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें जो विरोधियों के लिए करारा जवाब हैं।
- जो गठबंधन निगेटिविटी के साथ बने वे कभी सफल नहीं बने। कांग्रेस ने 90 के दशक में गठबंधन का इस्तेमाल किया देश में अस्थिरता लाने के लिए। इसी दौर में एनडीए बना। लेकिन एनडीए का उद्देश्य सरकार बनाना या सत्ता हासिल करना नहीं था।
- एनडीए किसी के विरोध में नहीं बना, किसी को सत्ता से हटाने के लिए नहीं बना। देश में स्थिर सरकार होती है तो देश वो फैसले करता है जो कालजयी होते हैं। अटलजी के सरकार में भी देखा और पिछले 9 साल में भी देख रहे हैं।
- हम जब विपक्ष में थे तब भी हमने सकारात्मक राजनीति की, हमने कभी नकारात्मक राजनीति नहीं की। हमने विपक्ष में रहकर सरकारों का विरोध किया, उनके घोटालों को सामने लाए लेकिन जनादेश का अपमान नहीं किया और न ही विदेशी ताकतों की मदद मांगी।
- जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी से होता है, जब गठबंधन भ्रष्टाचार के इरादे से हो, जब गठबंधन परिवारवाद की नीति पर आधारित हो, जब गठबंधन जातिवाद और क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया जाता है तो वह गठबंधन देश को बहुत नुकसान पहुंचाता है।
- पहले सत्ता के गलियारों में जो बिचौलिए घूमते थे उसे बाहर कर दिया है। जनधन, आधार, मोबाइल से फर्जी लाभार्थियों को गरीबों का हक छीनने से रोका है। 10 करोड़ ऐसे फर्जी लाभार्थी थे जिनका जन्म ही नहीं हुआ था। 9 साल में हमने 30 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों के बैंक खाते में पहुंचाए। गरीबों का 3 लाख करोड़ रुपया गलत हाथों में जाने से बचाया है।'
- देश को दलों के हित से ऊपर रखा। राजनीतिक सौहार्द्र और शालीनता को बनाए रखा। एनडीए सरकार ने प्रणब दा को भारत रत्न दिया। मुलायम सिंह यादव, शरद पवार जैसे अनेक नेताओं को जो राजनीतिक दृष्टि से हमारे खिलाफ हैं, हमने पद्म सम्मान दिया।'
- आप जो तस्वीरों में विपक्षी नेताओं की गलबहियां देख रहे हैं, दरअसल वो गलबहियां मिशन नहीं बल्कि मजबूरियां हैं। 'ये पास-पास आ सकते हैं लेकिन साथ नहीं आ सकते। जीवन भर जिसका विरोध किया अब उसका सत्कार करने लगे। उनका कार्यकर्ता खुद भ्रमित है
- देश के लोग मन बना चुके हैं कि तीसरी बार फिर एनडीए को ही अवसर देना है। देश का मन आप जानते हैं। विदेश का मन भी बहुत कुछ संकेत दे रहा है। भारत में जनमत किसके साथ है ये दुनिया को भी पता है।
- देश की जनता को आप सबके (एनडीए) नेतृत्व पर भरोसा है।एनडीए का वोट प्रतिशत 50 से ज्यादा जानेवाला है। जनता एनडीए की हिस्ट्री और कमेस्ट्री सब देख रही है। हमें विकास के मुद्दे पर जनता के पास जाना है।
- मैं अपने परिश्रम और प्रयासों में कहीं कोई कमी नहीं रहने दूंगा। मुझसे गलती हो सकती है लेकिन बदनीयत से कोई काम नहीं करूंगा। मेरे शरीर का हर कण और मेरे समय का हर क्षण देश को ही समर्पित है। आपका विश्वास और आशीर्वाद मेरी ऊर्जा है। एनडीए के तीसरे कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में तीसरे नंबर पर होगी।