अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है। लोग राम-नाम में डूबे हुए हैं। मंदिरों में भजन-कीर्तन हो रहे हैं तो लोग अपने-अपने घरों में रामज्योति जला रहे हैं। देशभर में आज दिवाली जैसा माहौल है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार शाम को प्रधानमंत्री आवास पर रामज्योति जलाकर रामलला का स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से भी रामज्योति जलाई की अपील की है। पीएम मोदी की अपील का बड़ा असर भी दिख रहा है। रामलला के विराजमान होने की खुशी में लोग घरों में दीप जलाकर भगवान राम का स्वागत कर रहे हैं।
इससे पहले दिन में सड़कों पर शोभा यात्रा भी निकाली गई। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि अयोध्या धाम में आज राम लला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। इस पावन अवसर पर सभी देशवासियों से मेरा आग्रह है कि रामज्योति प्रज्वलित कर अपने घरों में भी उनका स्वागत करें। दीयों की रोशनी इस बात का प्रतीक है कि कैसे लोगों ने भगवान राम की उनके जन्मस्थान पर वापसी का भारी उत्साह के साथ स्वागत किया।
कई नेताओं ने भी जलाया दीप
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने घर पर परिवार के साथ रामज्योति जलाया। देशभर में मंदिरों में भी रामज्योति जलाया गया है। वहीं कई अन्य नेताओं ने भी अपने-अपने घरों पर दीप जलाया है।
प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए पीएम मोदी
बता दें कि सोमवार को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हुआ। कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कई घटक दलों के प्रमुख नेता अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हुए, हालांकि इनमें से कुछ दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर रामलला की तस्वीर साझा करते हुए लोगों को शुभकामनाएं दीं और ‘जय सियाराम’ का उद्घोष किया। अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में सोमवार को श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई जिसके साक्षी देश-विदेश में लाखों रामभक्त बने। इस अवसर पर विशेष अनुष्ठान में भाग लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे अलौकिक क्षण बताते हुए ‘सियावर रामचंद्र की जय’ और ‘जय श्रीराम’ का उद्घोष किया।
मुख्य द्वार पूर्व दिशा की तरफ है
राम मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहां सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियां चढ़कर पहुंचा जा सकता है। मंदिर में कुल पांच मंडप हैं - नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप।