नई दिल्ली: लोकसभा में पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं और विपक्ष पर पलटवार भी किए। उनके भाषण के दौरान बीजेपी सांसदों ने जमकर डेस्क थपथपाई और विपक्ष को आईना दिखाया।
पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें-
- पीएम मोदी ने कहा, 'हमारा देश बहुत तेजी से विकास कर रहा है। भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। जब हम आजादी की शताब्दी मना रहे होंगे तब हम विकसित देश बन चुके होंगे। ये हम सभी देशवासियों का सपना है।'
- पीएम मोदी ने कहा कि संविधान निर्माता इस बात को लेकर बहुत सजग थे, वो ये नहीं मानते थे कि भारत का जन्म 1947 को हुआ, वो नहीं मानते थे कि भारत में लोकतंत्र 1950 से शुरू हुआ। वो हजारों साल की यात्रा के प्रति सजग थे। भारत का लोकतंत्र, भारत का गणतांत्रिक अतीत बहुत ही समृद्ध रहा है। तभी भारत आज मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में जाना जाता है। हम सिर्फ विशाल लोकतंत्र ही नहीं, हम लोकतंत्र की जननी हैं।
- पीएम मोदी ने कहा कि जब जी20 समिट हुई तो विश्व के सामने हमने विमेन लेड डेवलेपमेंट का विचार रखा। हम सभी सांसदों ने मिलकर एक स्वर से नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करते हमारी महिला शक्ति को भारतीय लोकतंत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हमने कदम उठाए। आज हर बड़ी योजना के सेंटर में महिलाएं होती हैं। आज जब हम संविधान के 75 साल मना रहे हैं तो ये संयोग है कि भारत के राष्ट्रपति के पद पर एक आदिवासी महिला हैं।
- पीएम मोदी ने कहा कि मुझे बड़े दुख के साथ कहना है कि आजादी के बाद एक तरफ संविधान निर्माताओं के दिल-दिमाग में एकता थी, लेकिन आज आजादी के बाद सबसे बड़ा प्रहार देश की एकता के मूल भाव पर हुआ। हम विविधता को सेलिब्रेट करते हैं, लेकिन गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोगों ने, भारत का भला ना देख पाने वाले लोगों ने विविधता में विरोधाभास ढूंढा। विविधता के इस अमूल्य खजाने को सेलिब्रेट करने के बजाय ऐसे जहरील बीज बोने के प्रयास करते रहे, जिससे देश की एकता को चोट पहुंचती रहे।
- पीएम मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 देश की एकता में दीवार बना हुआ था, इसलिए धारा 370 को हमने जमीन में गाड़ दिया, क्योंकि देश की एकता हमारी प्राथमिकता है। इस विशाल देश में अगर आर्थिक रूप से हमें आगे बढ़ना है तो भारत में अनुकूल व्यवस्थाएं चाहिए। उसी में से जीएसटी को लेकर चर्चा चलती रही। इकॉनामी में जीएसटी ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। वन नेशन वन टैक्स भी इसे आगे बढ़ा रहा है। हम वन नेशन वन राशन कार्ड लाए। हमने ये तय किया कि वन नेशन वन हेल्थ कार्ड हो और हमने आयुष्मान कार्ड को जारी किया।
- पीएम मोदी ने कहा कि जब संविधान के 25 साल पूरे हुए तो देश के संविधान को नोच लिया गया। देश को जेलखाना बना दिया गया। नागरिकों के अधिकारों को लूट लिया गया, प्रेस की स्वतंत्रता को ताले लगा दिए गए। कांग्रेस के माथे पर जो ये पाप लगा है, वो कभी धुलने वाला नहीं है। क्योंकि लोकतंत्र का गला घोट दिया गया था।
- पीएम मोदी ने कहा कि ये संविधान की देन है कि मेरे जैसे लोग यहां तक पहुंचे हैं। ये संविधान का सामर्थ्य था जो बिना किसी बैकग्राउंड के यहां तक पहुंचे हैं। हमें देश ने तीन बार स्नेह दिया, ये हमारे संविधान के बिना संभव नहीं था। देश की जनता पूरी ताकत के साथ संविधान के साथ खड़ी रही है। कांग्रेस के एक परिवार ने संविधान को चोट पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। 75 साल की हमारी यात्रा में 55 साल एक ही परिवार ने राज किया है, इसलिए देश को क्या-क्या हुआ है, ये जानने का अधिकार है।
- पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के मुंह से संविधान शोभा नहीं देता। जो अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानते, उनके मुंह से संविधान शब्द शोभा नहीं देता। कांग्रेस की 12 प्रदेश समितियों ने सरदार पटेल को सहमति दी थी। संविधान के तहत सरदार पटेल ही पीएम बनते, लेकिन खुद के ही संविधान को स्वीकारा नहीं और सरदार साहब पीएम नहीं बन सके और ये बैठ गए। जो लोग अपनी पार्टी के संविधान को नहीं मानते वो कैसे देश के संविधान को स्वीकार कर सकते हैं।
- हमने संविधान संसोधन करके 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया। इसे सभी ने स्वीकार किया। हमने महिलाओं को शक्ति देने के लिए संविधान में संशोधन किया। हमने संविधान संशोधन देश की एकता के लिए किया। हमने संविधान संशोधन किया और डंके की चोट पर किया। हमने धारा 370 को हटाया और अब कोर्ट ने भी उसपर मुहर लगा दी है। हमारा संविधान सबसे ज्यादा जिस बात के प्रति संवेदनशील रहा है, वो है- भारत के लोग। कांग्रेस के साथियों को एक शब्द बहुत प्रिय है, जिसके बिना वो जी नहीं सकते, वो शब्द है- जुमला।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए लोकसभा में कहा, 'करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया। जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री जी ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था श्रीमति इंदिरा गांधी। 1971 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया था, उस फैसले को संविधान बदलकर पलट दिया गया था, 1971 में संविधान संशोधन किया गया था। उन्होंने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे।'