दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Int'l Conference on Disaster Resilient Infra को संबोधित करते हुए कहा कि "आपस में निकटता से जुड़ी दुनिया में आपदाओं का प्रभाव सिर्फ स्थानीय नहीं होगा। एक क्षेत्र में आपदा का एक पूरी तरह से अलग क्षेत्र पर बड़ा प्रभाव हो सकता है। इसलिए हमारी प्रतिक्रिया एकीकृत होनी चाहिए न कि अलग-थलग" यह भी उत्साहजनक है कि इसमें केवल सरकार ही शामिल नहीं है. लेकिन वैश्विक संस्थान, डोमेन विशेषज्ञ और निजी क्षेत्र मिलकर इसमें भूमिका निभाते हैं।
पीएम ने कहा कि पिछली आपदाओं का अध्ययन करना और उनसे सीखना एक तरीका है और सीडीआरआई इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सामाजिक और डिजिटल अवसंरचना उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि परिवहन अवसंरचना।
पूरे भारत और यूरोप में गर्मी की लहरें थीं और कई द्वीप देशों को भूकंप से नुकसान हुआ था। सीरिया और तुर्की में भूकंप से जान-माल का नुकसान हुआ। दुनिया सीडीआरआई को बड़ी उम्मीदों से देख रही है।