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गरीबी की और बढ़ रहे जम्मू कश्मीर के लोग, इससे अच्छा तो महाराजाओं का शासन था: आजाद

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 20 जून को ‘दरबार मूव’ प्रथा की व्यवस्था को खत्म करने की घोषणा की थी।

Edited by: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published on: December 25, 2021 17:35 IST
Jammu Kashmir, Jammu Kashmir Maharaja, Jammu Kashmir Ghulam Nabi Azad- India TV Hindi
Image Source : PTI गुलाम नबी आजाद ने कहा कि महाराजाओं का निरंकुश शासन वर्तमान सरकार की तुलना में कहीं बेहतर था।

Highlights

  • ‘दरबार मूव’ प्रथा की शुरुआत महाराजा गुलाब सिंह ने 1872 में की थी।
  • उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 20 जून को इस व्यवस्था का खत्म करने की घोषणा की थी।
  • कांग्रेस नेता ने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति और शून्य विकास कार्य मौजूदा स्थिति के लिए मुख्य योगदानकर्ता हैं।

जम्मू: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू में कहा कि पिछले 2.5 साल में जम्मू-कश्मीर में व्यापार और विकास की गतिविधियों में गिरावट आई है और लोग गरीबी की ओर बढ़ रहे हैं। बीजेपी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए आजाद ने कहा कि महाराजाओं का निरंकुश शासन वर्तमान सरकार की तुलना में कहीं बेहतर था, जिसने द्विवार्षिक ‘दरबार मूव’ की पारंपरिक प्रथा को रोक दिया। दरबार मूव के तहत, गर्मी के 6 महीने नागरिक सचिवालय व अन्य कार्यालय श्रीनगर स्थानांतरित हो जाते थे जबकि साल के शेष 6 महीने उनका संचालन जम्मू से होता था।

1872 में शुरू हुई थी ‘दरबार मूव’ की प्रथा

‘दरबार मूव’ प्रथा की शुरुआत महाराजा गुलाब सिंह ने 1872 में की थी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 20 जून को इस व्यवस्था का खत्म करने की घोषणा की थी। आजाद ने कहा, ‘मैं हमेशा दरबार मूव का समर्थन करता था। महाराजाओं ने हमें 3 चीजें दीं जो कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों की जनता के हित में थीं और उनमें से एक दरबार मूव थी।’ उन्होंने कहा कि महाराजा (हरि सिंह) ने उन लोगों की भूमि और नौकरियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जो इस क्षेत्र से नहीं थे। अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘आज इतने वर्षों के बाद, हम देखते हैं कि महाराजा जिन्हें तानाशाह कहा जाता था, वर्तमान सरकार की तुलना में बहुत बेहतर थे।’

‘महाराजा के कार्य जनता के कल्याण के लिए थे’
आजाद ने कहा, ‘महाराजा के कार्य जनता के कल्याण के लिए थे, जबकि वर्तमान सरकार ने हमसे तीनों चीजों (दरबार मूव, जमीन और नौकरियों की सुरक्षा) को छीन लिया है।’ पिछले 2.5 महीने में जम्मू-कश्मीर में कई जनसभाओं के बारे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनका आगामी विधानसभा चुनावों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘लोग व्यथित हैं क्योंकि कोई व्यवसाय नहीं है, कोई नौकरी नहीं है, उच्च कीमतें और विकास कार्य रुक गए हैं। मेरी राय थी कि शहरों में लोग खुश हैं।’

‘पूरे जम्मू-कश्मीर में समग्र स्थिति बहुत खराब है’
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा, ‘रघुनाथ बाजार, सिटी चौक और कनक मंडी (जम्मू में) पूरे व्यापारिक समुदाय की नब्ज का प्रतिनिधित्व करते हैं। मैंने जिस भी दुकान का दौरा किया, मैंने पाया कि लोग निराश हैं क्योंकि व्यापार बंद है पिछले 5 साल। पूरे जम्मू-कश्मीर में समग्र स्थिति बहुत खराब है, और हम बुरी तरह से गरीबी की ओर बढ़ रहे हैं।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति और शून्य विकास कार्य मौजूदा स्थिति के लिए मुख्य योगदानकर्ता हैं। उन्होंने हालांकि क्षेत्र में बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त की।

‘राजनेताओं ने जनता से संपर्क खो दिया’
आजाद ने कहा, ‘राजनेताओं ने पिछले दो वर्षों (अगस्त 2019 से) में जनता से संपर्क खो दिया। हमने शुरू किया और अन्य ने इसका पालन किया, जो एक स्वागत योग्य है।’ उन्होंने जम्मू कश्मीर में 6 विधानसभा सीटों को बढ़ाने के लिए परिसीमन आयोग की मसौदा रिपोर्ट पर सीधे जवाब देने से परहेज करते हुए कहा, ‘मेरे लिए, जम्मू कश्मीर एक हैं इसलिए मैं एक या दूसरे क्षेत्र का पक्ष नहीं ले सकता।’ (भाषा)

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