लोकसभा में हुई सुरक्षा चूक के मामले को लेकर विपक्षी सांसदों की ओर से लगातार हंगामा किया जा रहा है। सदन की कार्यवाही बाधित करने और आसन की अवमानना विपक्षी दलों के सांसदों को भारी पड़ गया है। कांग्रेस, डीएमके समेत विभिन्न दलों के कुल 13 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अब ये सांसद लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
ये सांसद हुए निलंबित
गुरुवार को हंगामे के बीच पहले कांग्रेस के पांच सांसदों- टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को निलंबित किया गया था। हालांकि, हंगामा जारी रहा जिसके बाद कांग्रेस के बेनी बेहनन, वीके श्रीकंदन, मोहम्मद जावेद और मनिकम टैगोर को भी निलंबित कर दिया गया। सीपीआईएम के पीआर नटराजन और एस वेंकटेशन पर भी कार्रवाइ की गई है। इसके अलावा डीएमके के कनिमोझी करुणानिधि और सांसद के सुब्रमण्यम को भी पूरे शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव रखा था जिसे स्वीकार कर लिया गया।
राज्यसभा में भी कार्रवाई
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन को राज्यसभा से पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया है। उनपर यह कार्रवाई नियम 256 के तहत की गई है। राज्यसभा के सभापति के अनुसार, डेरेक ओ ब्रायन ने सदन के वेल में प्रवेश किया, नारे लगाए और सदन की कार्यवाही बाधित की। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- " कहा-आप क्या कर रहे हो ? मिस्टर ब्रायन आपने विशेषाधिकार का उल्लंघन किया है। मिस्टर डेरेक ओ ब्रायन तुरंत हाउस से बाहर चले जाएं।"
संसद की सुरक्षा को लेकर हंगामा
दरअसल, बुधवार को संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर आज दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ था। राज्यसभा में विपक्षी सदस्य लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए थे। राज्यसभा और लोकसभा दोनों में ही स्पीकर बार-बार सदस्यों से आग्रह कर रहे थे कि वे सदन के अंदर शांति बनाए रखें। लेकिन विपक्षी सांसदों का शोरगुल जारी रहा। इसके बाद कई सांसदों को निलंबित किया गया।
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