भारत के संसदीय इतिहास में आज काफी बड़ा दिन है। नए संसद भवन के लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पेश कर दिया गया है। इस बिल को मोदी सरकार ने 'नारी शक्ति वंदन बिल' नाम दिया है। इस बिल के तहत चुनावी राजनीति में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। वैसे तो सभी दल इस बिल के समर्थन में दिखे लेकिन संसद में बिल पर चर्चा के दौरान एक ऐसा वक्त भी आया जब लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आमने-सामने आ गए। आइए जानते हैं क्या हुआ?
गलत तथ्यों में फंसे अधीर
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में पीएम मोदी के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भाषण दिया। इस दौरान अधीर ने कहा कि महिला आरक्षण बिल पहले लोकसभा में पास हुआ था। अधीर के भाषण के बीच में उठकर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उनके द्वारा रखे गए तथ्य गलत हैं। महिला आरक्षण बिल कभी लोकसभा में पास नहीं हुआ। वह अपनी बात को वापस लें। इस समय लोकसभा में थोड़ी देर के लिए हंगामा देखने को मिला। अधीर ने सदन में डिप्टी स्पीकर के न होने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि इस बात पर चर्चा क्यों नहीं होती।
क्या है महिला आरक्षण बिल का फॉर्मूला?
इस बिल के तहत लोकसभा की 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। विधानसभा की 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। दिल्ली विधानसभा की 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए होंगी। एससी की 84 रिजर्व सीटों में से 33 फीसदी महिलाओं के लिए होंगी और एसटी की 47 रिजर्व सीटों में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए होंगी। अब तक मिली रिपोर्ट के मुताबिक, इस आरक्षण की अवधि को 15 सालों के लिए निर्धारित किया गया है। इससे पहले बीते 27 सालों से ये बिल सदन में अटका पड़ा था।
ईश्वर ने पवित्र काम के लिए चुना- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने नए संसद भवन में अपने संबोधन में कहा कि ईश्वर ने मुझे पवित्र काम के लिए चुना है। नई संसद की पहली कार्यवाही गवाह बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि ये आजादी के अमृत काल की सुबह है। पीएम ने कहा कि पहले भी कई बार महिला आरक्षण बिल आया लेकिन बिल पास कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटाए गए।
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