18वीं लोकसभा के संसद सत्र का आज दूसरा दिन है। संसद में आज लोकसभा स्पीकर के नाम का फैसला कर दिया गया है। एनडीए की ओर से ओम बिरला लोकसभा स्पीकार के उम्मीदवार बनाए गए हैं। ओम बिरला के नाम पर एनडीए के सहयोगी दलों ने समर्थन कर दिया है। कई दिनों से 18वीं लोकसभा स्पीकर के लिए कई नामों की चर्चा चल रही थी।
ओम बिरला के साथ इन नामों पर भी हुई चर्चा
लोकसभा स्पीकर की रेस में ओम बिरला का नाम सबसे आगे चल रहा था। राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला 17वीं लोकसभा में भी स्पीकर थे। सूत्रों के मुताबकि, बीजेपी जिन नामों पर माथा-पच्ची कर रही थी, उनमें ओम बिरला के साथ-साथ आंध्र प्रदेश भाजपा की अध्यक्ष डी पुरंदेश्वरी, बीजेपी के सीनियर नेता राधामोहन सिंह और भर्तृहरि महताब का नाम भी शामिल था। भर्तृहरि महताब अभी प्रोटेम स्पीकर हैं।
BJP को सहयोगी दलों का मिला समर्थन
लोकसभा स्पीकर के पद को लेकर बीजेपी आत्मविश्वास से भरी हुई थी। बीजेपी को सहयोगी दलों का साथ मिल हुआ था। 18 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर एनडीए के सहयोगी दलों के नेताओं की अहम बैठक हुई थी। तभी से माना जा रहा था कि इस बैठक में लोकसभा स्पीकर पद के लिए सहमति बनी थी। लोकसभा स्पीकर पद के लिए जेडीयू और टीडीपी भी अपना रुख साफ कर चुके थे।
विपक्ष क्या बना रहा रणनीति?
बता दें कि स्पीकर के चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आम सहमति को लेकर अपना इरादा जाहिर कर चुके थे, लेकिन पहले दिन लोकसभा के अंदर जिस तरह से प्रोटेम स्पीकर का विरोध हुआ है। उसे देखकर साफ है कि विपक्ष क्या इरादे लेकर रणनीति बना रहा है?
क्या इस बार बनाया जाएगा डिप्टी स्पीकर?
साल 2014 में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाते हुए सुमित्रा महाजन को लोकसभा स्पीकर बनाया था। उस वक्त एआईएडीएमके के एम. थंबीदुरई को डिप्टी स्पीकर का पद दिया गया। 2019 में 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष बीजेपी के ओम बिरला बने लेकिन लोकसभा में उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ। पूरे कार्यकाल तक यह पद खाली रहा। अब स्पीकर के नाम का खुलासा होने के साथ-साथ डिप्टी स्पीकर पर भी रणनीति सामने आ सकती है।