नई दिल्ली: 13 दिसंबर को हुई संसद की सुरक्षा चूक मामले में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने आज सदन में बड़ा बयान दिया है। लोकसभा में हंगामा कर रहे विपक्षी दलों के सांसदों को देखते हुए लोकसभा स्पीकर ने कहा कि इस घटना में राजनीति करने से हमें बचना चाहिए। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि यह घटना बेहद ही दुखद थी। इस मामले में सभी सांसदों ने अपनी चिंता व्यक्त थी और उसी दिन सभी दलों के नेताओं से बैठक हुई थी। इसके बाद कई सुझाव सामने आये थे। जिनमें से कुछ लागू कर दिए गए हैं और कुछ पर अभी विचार किया जा रहा है।
इस घटना पर राजनीति ना की जाए- ओम बिरला
ओम बिरला ने कहा कि इस दुर्घटना के बाद कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मैं अपील करूंगा कि इस घटना पर राजनीति ना की जाए। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सांसदों के निलंबन का इस घटना से कोई संबंध नहीं है। उनका निलंबन संसद की गरिमा बनाए रखने के लिए हुआ था। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि पूर्व में भी कुछ ऐसी घटनाएं हुई थीं और उस समय भी इन्हें रोकने के लिए कई प्रयास किए गए थे। लेकिन इस बार सुरक्षा में चूक हुई है। अब सुरक्षा को और भी मजबूत किया जाएगा।
अधिर रंजन चौधरी ने ओम बिरला को लिखा पत्र
वहीं इससे पहले 13 सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को खत लिखा था। इस खत में अधीर रंजन चौधरी ने लिखा, "उन कारक पर विचार करते हुए, जिनके कारण हाल के दिनों में 13 सांसदों को निलंबित किया गया, मैं आग्रह करूंगा कि इस मामले में समग्र रूप से फिर से देखा जाए और सांसदों के निलंबन को रद्द करने और सदन में व्यवस्था बहाल करने के लिए उचित कार्रवाई की जाए।" पत्र में अधीर रंजन चौधरी ने आगे लिखा कि संसद भवन संपता के सुरक्षा तंत्र के संबंध में न केवल जांच करने और सुधारात्मक कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता है। बल्कि उन कारकों की भी जांच करने की आवश्यकता है, जिनके कारण युवा इस तरह के निर्लज्ज कृत्य में शामिल हुए और खुद को खतरे में डाला। उनके परिवारों और दोस्तों की दुर्दशा पर भी ध्यान देने की जरूरत है।