Highlights
- महाराष्ट्र के सियासी ड्रामे पर असदुद्दीन ओवैसी का बयान
- बंदरों की तरह एक डाल से दूसरी डाल पर कूद रहे- ओवैसी
- "महा विकास अघाड़ी को ही इस मामले पर विचार करने दें"
Owaisi on Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी महाभारत 5वें दिन भी जारी है। सीएम ठाकरे अपनी सरकार ही नहीं बल्कि पार्टी भी बचाने के लिए संघर्ष करते हुए दिखाई दे रहे हैं। राज्य में चल रही इस उठापटक के बीच असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। AIMIM अध्यक्ष ओवैसी ने कहा कि यह बंदरों के नाच के जैसा लग रहा है।
"बंदरों की तरह एक डाल से दूसरी डाल पर कूद रहे"
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि महा विकास अघाड़ी को ही इस मामले पर विचार करने दें। हम पूरे सियासी ड्रामा पर नजर रखे हुए हैं। औवैसी ने कहा, "ऐसा लग रहा है जैसे बंदरों के नाच चल रहा हो। वे बंदरों जैसे काम कर रहे हैं जो एक डाल से दूसरी डाल पर कूद रहे हैं।" बता दें कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच की लड़ाई अब शिवसेना पर कब्जे में तब्दील हो गई है। पार्टी, निशान, विचारधारा पर अब दोनों गुट दावा कर रहे हैं। एक ओर उद्धव ठाकरे कह रहे हैं कि शिवसेना उनकी है, बाला साहेब उनके हैं। तो वहीं शिंदे गुट कह रहा है कि पार्टी से जुड़ी हर चीज पर उनका हक है, क्योंकि संख्या बल उद्धव के पास नहीं, शिंदे गुट के पास है।
ठाकरे के खिलाफ शिंदे की बगावत का झंडा बुलंद
महाराष्ट्र में शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे और बड़ी संख्या में विधायकों ने 21 जून को उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया था। विद्रोही समूह की मुख्य मांग यह है कि शिवसेना सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) से खुद को अलग करे, जिसमें एनसीपी और कांग्रेस शामिल हैं। शनिवार को शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में 3 प्रस्ताव पास हुए। जिसमें कहा गया कि शिवसेना में सभी तरह के निर्णय लेने के सभी अधिकार पार्टी चीफ उद्धव ठाकरे के पास रहेंगे। बालासाहेब ठाकरे और शिवसेना के नाम का इस्तेमाल कोई अन्य नहीं कर सकता है और तीसरे प्रस्ताव में कहा गया कि पार्टी से गद्दारी करने वालों पर कार्रवाई करने का अधिकार भी उद्धव ठाकरे के पास होगा। वहीं शिवसेना के 16 बागी विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर द्वारा नोटिस भेजा गया है।