नई दिल्लीः संसद की सुरक्षा में चूक और लोकसभा और राज्यसभा से 90 से ज्यादा सांसदों के निलंबन पर विपक्षी दलों ने मंगलवार को केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत तमाम विपक्षी सांसदों ने गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी दलों ने पोस्टर में कुछ नारे और पीएम मोदी की तस्वीर लगाई थी। आरोप है कि पीएम मोदी की Morphed फोटो के साथ विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसद सदन के अंदर जो पोस्टर लेकर आए थे उस पर पीएम मोदी की तस्वीर थी। पोस्टर में पीएम मोदी के मुंह पर चेन और जिप दिखाया है।
डेमोक्रेसी अंडर सीज नारे लिखे थे
मिली जानकारी के अनुसार, संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष निलंबित सांसदों के विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार भी शामिल हुए। कई विपक्षी सांसदों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर ‘डेमोक्रेसी अंडर सीज’ (लोकतंत्र को बंधक बनाया गया) और कुछ अन्य नारे लिखे हुए थे। उन्होंने ‘गृह मंत्री इस्तीफा दो’ के नारे भी लगाए गए।
केंद्र सरकार पर भड़की कांग्रेस
संसद परिसर में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह देशभर में दौरे कर रहे हैं लेकिन सदन में नहीं आ रहे। ये सदन की गरिमा का अपमान है...बहुत सारे सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा अध्यक्ष ने निलंबित किया है, देश के इतिहास में पहली बार इतने सांसदों को निलंबित किया गया है। लोगों को डराकर लोकतंत्र खत्म करना चाहते हैं
खरगे की मांग अमित शाह संसद में बयान दें
खरगे ने कहा, ‘‘हम सिर्फ यही चाहते हैं कि सुरक्षा चूक के विषय पर गृह मंत्री सदन में आकर बयान दें। वह क्यों भाग रहे हैं, मुझे मालूम नहीं है। संसद का सत्र जारी है, लेकिन वह सदन के बाहर बयान दे रहे हैं। ऐसा कभी नहीं होता है। जो बातें सदन में बोलनी हैं, वह बाहर बोली जाती हैं तो इससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचती हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि सांसदों का निलंबन लोकतांत्रिक प्रणाली को खत्म करने का षड्यंत्र है और पहले गुजरात में भी इसी तरह से विधानसभा चलाई जाती थी।
अब तक 92 सांसद सस्पेंड
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘यहां तानाशाही चल रही है, उसके खिलाफ लड़ेंगे। संसद में सोमवार को 78 विपक्षी सांसदों को आसन की अवमानना तथा अशोभनीय आचरण के आरोप में निलंबित कर दिया गया, जो संसदीय इतिहास में एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। गत 13 दिसंबर को लोकसभा से 33 सदस्यों और राज्यसभा से 45 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। पिछले बृहस्पतिवार से दोनों सदनों से निलंबित किए गए विपक्षी सांसदों की कुल संख्या 92 हो गई है।