जम्मू: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों के तहत वोटों की गिनती पूरी हो चुकी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस यानी कि NC और कांग्रेस गठबंधन ने 48 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। इसके साथ ही अब यह तय हो गया है कि सूबे में अगली सरकार यह गठबंधन बनाने जा रहा है। इस चुनाव में NC के टिकट पर केवल 2 हिंदू चेहरे ही जीत पाए हैं। बता दें कि NC और कांग्रेस ने हिंदू और सिख समुदाय से कुल 30 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे लेकिन उनमें से सिर्फ 2 को ही कामयाबी मिल पाई।
बीजेपी का एक भी मुस्लिम कैंडिडेट नहीं जीत पाया
जम्मू कश्मीर में 29 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली BJP के 28 हिंदू और एक सिख सदस्य हैं। दो पूर्व मंत्रियों सहित कोई भी मुस्लिम उम्मीदवार पार्टी के टिकट पर जीतने में कामयाब नहीं हो सका। BJP ने इन चुनावों में कुल 25 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे थे। बीजेपी के अधिकांश मुस्लिम उम्मीदवारों की, खासकर कश्मीर घाटी में जमानत जब्त हो गई। बता दें कि पार्टी ने कुल 62 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, लेकिन जम्मू क्षेत्र में केवल 28 हिंदू और एक सिख उम्मीदवार ही अपना चुनाव जीत पाए।
NC प्रत्याशी ने BJP प्रदेश अध्यक्ष को दी मात
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुरेंद्र चौधरी ने जम्मू-कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रवींद्र रैना को राजौरी जिले के नौशेरा निर्वाचन क्षेत्र से 7,819 मतों के अंतर से हराया। रैना ने 2014 के विधानसभा चुनाव में PDP के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले चौधरी को 10 हजार से भी ज्यादा मतों के अंतर से हराकर नौशेरा सीट जीती थी। हालांकि, चौधरी 2022 में PDP से इस्तीफा देकर BJP में शामिल हो गए थे और फिर पिछले साल जुलाई में नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुड़ गए थे।
अर्जुन सिंह ने रामबन से जीता विधानसभा चुनाव
अर्जुन सिंह राजू रामबन विधानसभा सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले दूसरे हिंदू चेहरे हैं। राजू को 28,425 वोट मिले जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय उम्मीदवार सूरज सिंह परिहार को 19,412 वोट मिले। भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार राकेश सिंह ठाकुर 17511 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। बता दें कि परिहार बीजेपी से बगावत कर चुनावी मैदान में निर्दलीय उतरे थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एक महिला समेत 9 हिंदू उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उनमें से केवल 2 ही जीत पाए।
चुनाव हार गए कांग्रेस के सभी हिंदू और सिख प्रत्याशी
दूसरी ओर, कांग्रेस ने 19 हिंदू और 2 सिख उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें से अधिकतर जम्मू क्षेत्र से थे, लेकिन उनमें से कोई भी जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो सका और अधिकतर उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे। (भाषा)