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लोकसभा में मंगलवार को पेश होगा 'वन नेशन वन इलेक्शन' से संबंधित विधेयक

लोकसभा में मंगलवार को 'वन नेशन वन इलेक्शन' से संबंधित विधेयक को पेश किया जाएगा। इस विधेयक को कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल पेश करेंगे।

Reported By : Devendra Parashar Edited By : Subhash Kumar Published : Dec 16, 2024 17:08 IST, Updated : Dec 16, 2024 17:38 IST
लोकसभा में आएगा एक देश एक चुनाव से जुड़ा बिल।- India TV Hindi
Image Source : PTI लोकसभा में आएगा एक देश एक चुनाव से जुड़ा बिल।

संसद के शीतकालीन सत्र से 'एक देश एक चुनाव' या फिर 'वन नेशन वन इलेक्शन' से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी सामने आई है कि कल यानी मंगलवार 17 दिसंबर 2024 को निचले सदन लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़ा विधेयक पेश किया जाएगा। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल इस विधेयक को पेश करेंगे। बता दें कि वन नेशन वन इलेक्शन मोदी सरकार के सबसे अहम चुनावी वादों में से एक है।

लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ

देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। पीटीआई के सूत्रों की मानें तो इसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा जा सकता है। पीएम मोदी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते सप्ताह लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का निर्णय लिया, लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव किस प्रकार कराए जाएंगे, इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

20 दिसंबर को खत्म होगा सत्र

वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़े विधेयक को 16 दिसंबर को सदन के के कामकाज के एजेंडे के रूप में लिस्ट किया गया था। हालांकि, अब इसे अब मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, मोदी सरकार ने विधेयक की प्रतियां सांसदों को बांट दी हैं ताकि वे इसका अध्ययन कर सकें। आपको बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को खत्म हो रहा है। इसलिए सरकार के पास वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़े इस बिल को पेश करने के लिए केवल 4 दिनों का समय शेष है।

विपक्षी दल विरोध में

डीएमके, तृणमूल कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने एक राष्ट्र, एक चुनाव के बारे में चिंता व्यक्त की है। विपक्षी दलों का तर्क है कि ये नियम देश के संघीय ढांचे को बाधित कर सकता है, क्षेत्रीय दलों को कमजोर कर सकता है और केंद्र में सत्ता केंद्रित कर सकता है। वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि वन नेशन वन इलेक्शन का कदम लागत प्रभावी और शासन-अनुकूल होगा और यह समय की जरूरत है।

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