नई दिल्ली : वन नेशन वन इलेक्शन के लिए केंद्र सरकार ने एक कमिटी का गठन कर दिया है। यह कमिटी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित की गई है। थोड़ी देर में इस कमिटी के सदस्यों का ऐलान होगा। दरअसल, केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। ऐसी चर्चा है कि सरकार संसद में वन नेशन वन इलेक्शन का बिल लेकर आ सकती है। वन नेशन वन इलेक्शन का सीधा मतलब है कि देश में होने वाले सारे चुनाव एक साथ करा लिए जाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भी कई बार वन नेशन वन इलेक्शन की बात कह चुके हैं। उन्होंने संसद के अंदर भी कई मौकों पर वन नेशन वन इलेक्शन की बात कही है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील भी की थी वे इस फॉर्मूले पर साथ आएं। उन्होंने अपनी इस दलील के पीछे कई तर्क भी दिए थे जिसमें पैसों की बर्बादी बचाने के साथ ही श्रम संसाधनों का भी जिक्र किया था। पीएम मोदी का कहना है कि वन नेशन, वन इलेक्शन चर्चा का विषय नहीं बल्कि आज के समय की मांग है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। कल संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्वाद जोशी ने ट्वीट कर संसद का विशेष सत्र बुलाने की जानकारी दी थी। संसद के इस विशेष सत्र में कुल पांच बैठकें होगीं। माना जा रहा है कि इस दौरान सरकार वन नेशन वन इलेक्शन के साथ ही समान नागरिक संहिता और महिला आरक्षण बिल भी पेश कर सकती है।