नई दिल्ली: 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है। यह बिल पहले सोमवार 16 दिसंबर को लोकसभा में पेश होना था। बजाप्ता यह 16 तारीख में लिस्टेड भी था। लेकिन अब यह बिल सोमवार को लोकसभा में पेश नहीं होगा। क्योंकि लोकसभा की संशोधित सूची में यह बिल नहीं है। बता दें कि सरकार ने इस बिल की कॉपी सांसदों को भी भेज दी है ताकि वे इसका अध्ययन कर सकें। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को खत्म हो रहा है।अगर यह बिल 16 दिसंबर को पेश नहीं होता है तो फिर सरकार के पास चार दिन ही बाकी रहेंगे। ऐसे में इस बिल पर चर्चा होने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।
बता दें कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लोकसभा तथा राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए संवैधानिक संशोधन विधेयक वन नेशन वन इलेक्शन को 12 दिसंबर को मंजूरी दी थी। कैबिनेट ने दो ड्राफ्ट कानूनों को मंजूरी दी थी, जिसमें से एक संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से संबंधित है, जबकि दूसरा विधेयक विधानसभाओं वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ चुनाव से जुड़ा है।
एक संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा एवं राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने से संबंधित है, जबकि दूसरा विधेयक विधानसभाओं वाले तीन केंद्र शासित प्रदेशों के एक साथ चुनाव से जुड़ा है। संविधान संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए दो तिहाई बहुमत, जबकि दूसरे विधेयक के लिए सदन में सामान्य बहुमत की आवश्यकता होगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में इस विचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई थी।