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बड़ी खबर: 'एक देश, एक चुनाव' प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी, जल्द संसद में पेश हो सकता है बिल

One Nation One Election: 'एक देश एक चुनाव' प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इसी सत्र में इस बिल को संसद में रखा जा सकता है।

Reported By : Devendra Parashar Edited By : Niraj Kumar Published : Dec 12, 2024 14:17 IST, Updated : Dec 12, 2024 15:18 IST
वन नेशन वन इलेक्शन
Image Source : FILE वन नेशन वन इलेक्शन

One Nation One Election :  'एक देश एक चुनाव' प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। सूत्रों के मुताबिक इस बिल को मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान ही संसद में पेश किया जा सकता है। इस बिल को लेकर सभी राजनीतिक दलों के सुझाव लिए जाएंगे। बाद में इसे संसद से पास कराया जाएगा। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमिटी ने एक देश एक चुनाव से जुड़ी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में कानून मंत्री ने एक देश एक चुनाव का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विस्तार से जानकारी दी थी। 

लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होंगे

'एक देश, एक चुनाव' के तहत लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमिटी की रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि पहले कदम में लोकसभा और राज्यसभा चुनाव को एक साथ कराना चाहिए। कमेटी ने सिफारिश की है कि लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ संपन्न होने के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव हो जाने चाहिए।  

क्या है 'एक देश, एक चुनाव' का कॉन्सेप्ट?

दरअसल पीएम मोदी लंबे समय से 'एक देश, एक चुनाव' की वकालत करते आए हैं। उन्होंने कहा था कि चुनाव सिर्फ तीन या चार महीने के लिए होने चाहिए, पूरे 5 साल राजनीति नहीं होनी चाहिए। साथ ही चुनावों में खर्च कम हो और प्रशासनिक मशीनरी पर बोझ न बढ़े। 'एक देश, एक चुनाव' का मतलब है कि भारत में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाएं। 

पहले भी एक साथ हो चुके हैं चुनाव

एक देश एक चुनाव भारत के लिए कोई नया कॉन्सेप्ट नहीं है। देश में आजादी के बाद से 1967 तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराए थे। 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे, लेकिन राज्यों के पुनर्गठन और अन्य कारणों से चुनाव अलग-अलग समय पर होने लगे।

मोदी सरकार एक देश एक चुनाव क्यों जरूरी मानती है

  1. एक देश एक चुनाव से जनता को बार-बार के चुनाव से मुक्ति मिलेगी। 
  2. हर बार चुनाव कराने पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, जो कि कम हो सकते हैं।
  3. यह कॉन्सेप्ट देश में राजनीतिक स्थिरता लाने में अहम रोल निभा सकता है।
  4. इलेक्शन की वजह से बार बार नीतियों में बदलाव की चुनौती कम होगी।
  5. सरकारें बार-बार चुनावी मोड में जाने की बजाय विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी।
  6. प्रशासन को भी इसका फायदा मिलेगा, गवर्नेंस पर जोर बढ़ेगा।
  7. पॉलिसी पैरालिसिस जैसी स्थिति से छुटकारा मिलेगा। अधिकारियों का समय और एनर्जी बचेगी।
  8. सरकारी खजाने पर बोझ कम होगा और आर्थिक विकास में तेजी आएगी।

 

 

 

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